सैयद बंधुओं का अंत कैसे हुआ?
सैयद बंधुओं का पतन सैयद बंधुओं ने मुग़ल दरबार से ईरानी और तूरानी सरदारों का प्रभाव लगभग खत्म कर दिया था. ऐसे में चिनकिलिच खां नामक एक मुग़ल सरदार ने …
सैयद बंधुओं का पतन सैयद बंधुओं ने मुग़ल दरबार से ईरानी और तूरानी सरदारों का प्रभाव लगभग खत्म कर दिया था. ऐसे में चिनकिलिच खां नामक एक मुग़ल सरदार ने …
सैयद बंधुओं की मुगल कालीन राजनीति में भूमिका 1713 ई. से 1720 ई. तक सैयद बंधु अब्दुल्ला खां और हुसैन अली मुगल दरबार के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हुआ करते थे. …
मुगल साम्राज्य के पतन मुगल साम्राज्य ने अपने समय में दुनिया को अपने विस्तृत प्रदेश, विशाल साम्राज्य तथा सांस्कृतिक उपलब्धियां से चकाचौंध कर दिया था. लेकिन 18वीं शताब्दी के आरंभ …
अंग्रेजों की नई शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों ने भारत में अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित करने के बाद भारत में अपनी नई शिक्षा व्यवस्था लागू करना शुरू कर दिया. इस नई शिक्षा …
ब्रिटिश शासन का भारतीय संचार एवं परिवहन व्यवस्था पर प्रभाव ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आई थी, लेकिन उसने भारत की तत्कालीन राजनीतिक दुर्दशा का …
अंग्रेजों की भारत विजय भारत के विभिन्न भागों में अंग्रेजों की द्वारा विजय की प्रक्रिया लगभग 100 सालों में पूरी हुई. इस दौरान अंग्रेजों को अनेक राजनयिक और सैनिक असफलताओं …
मुगलकालीन भारत की शिक्षा प्रणाली मुगलकालीन भारत की शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से धार्मिक विचारों से काफी प्रभावित थी. इस शिक्षा का तत्कालीन समाज पर व्यापक रूप से पड़ा. मुगलकालीन …
मुगलकालीन व्यापार एवं वाणिज्य मुगल शासन के स्थायित्व एवं सुदृढ़ स्थिति के कारण साम्राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत अवस्था में थी. इसका सकारात्मक प्रभाव आंतरिक और बाह्य व्यापार एवं वाणिज्य …
मुगलकालीन भू-राजस्व व्यवस्था मुगल काल में राज्य की आय का प्रमुख स्रोत कृषि ही था. बाबर एवं हुमायूं ने भी सल्तनतकालीन मालगुजारी प्रथा को जारी रखा. इसके बाद शेरशाह सूरी …
मनसबदारी व्यवस्था मनसबदारी प्रथा मुगल कालीन प्रसाशनिक व्यवस्था की एक विशिष्ट व्यवस्था थी. मुगल कालीन प्रशासन की व्यवस्था के अध्ययन करने पर यह पता चलता है कि लगभग शासन के …