आधुनिक युग
यूरोप में मध्यकाल और आधुनिक काल (आधुनिक युग) के बीच में रेखा खींचना आसान नहीं था. इसका मुख्य कारण इन दोनों कालों के बीच में इतने धीमी गति से परिवर्तन हुआ कि इन को अलग करने वाले समय काल का स्पष्ट रेखा खींचना लगभग कठिन था. इसी बीच सन् 1453 ई. में कुस्तुनतुनिया का पतन हुआ. इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय देशों में भी तेजी से एक नवीन परिवर्तन होने लगा. इसी वजह से इस काल को यूरोप के मध्यकाल और आधुनिक काल का विभाजन रेखा माना गया है. सन 1453 ई. में कुस्तुनतुनिया के पतन के पश्चात यूनानी विद्या, संस्कृति, कला, व्यापार आदि का प्रमुख केंद्र यूनानी के हाथ से निकल कर यूरोपियों के अधीन आ गया. इसके पश्चात अपनी अलग संस्कृति और सभ्यता से परिपूर्ण यूनानी लोग इटली की शरण ली. इस समय इटली पहले से ही पुनर्जागरण का प्रमुख केंद्र था. युनानियों के इटली पहुंचने के पश्चात पुनर्जागरण को और नई गति मिली. पुनर्जागरण की भावना तीव्र हो जाने के बाद यूरोप के ढांचे में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए. इसी दौरान यूरोप में मध्यकाल और आधुनिक काल के काल को विभाजन करने के लिए लकीर खींची गई.
आधुनिक युग के आरंभ होने के साथ-साथ यूरोप में कई अनेक परिवर्तन हुए. इन परिवर्तन में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा आर्थिक दृष्टिकोण ने पुराने स्वरूप को छोड़कर नवीनतम स्वरूप धारण किया.
आधुनिक युग की प्रमुख विशेषताएं
1. सामंतवाद का पतन
आधुनिक युग के प्रमुख विशेषताओं में से एक सामंतवाद का पतन होना था. मध्यकाल में सामंतवादी व्यवस्था ने कृषकों और निम्न वर्गों की स्थिति को बहुत ही दयनीय बना दिया था. इस कारण यूरोप में इस समय सामंतों और कृषकों के बीच में परस्पर संघर्ष चल रहा था. इस समय यूरोप में कोई भी राजा की अपनी सेना नहीं थी. जरूरत पड़ने पर वह सामंतों की सेना का ही उपयोग किया करता था. इस कारण कई सामंत तो राजा से ज्यादा शक्तिशाली होते चले गए. ऐसे में सामंतों पर राजा का नियंत्रण धीरे-धीरे खत्म होता चला गया और उनपर राजा का नियंत्रण बिल्कुल नहीं रह गया. इसीलिए अब सामंत भी मनमानी करने लगे थे. ऐसे में उनकी निरंकुशता बढ़ती चली जा रही थी. कई सामंत भी एक-दूसरे को अपनी प्रतिबद्धता की दृष्टि से देखने लगे थे और अपनी जागीर बढ़ाने के लिए एक-दूसरे पर आक्रमण भी करने लगे थे. जनता भी इनसे बहुत ज्यादा शोषित हो रही थी. ऐसे समय में यूरोप के कुछ राजाओं ने अपनी सेना का गठन किया और उन्होंने सामंतों के निरंकुश शासन का दमन किया. राजा के द्वारा सामंतों के दमन करने के बाद सामंतवाद का पतन होना शुरू हो गया. सामंतवाद के पतन होने के साथ ही आधुनिक युग की शुरुआत हुई.
2. बौद्धिक विकास
यूरोप में मध्य काल का समय अंधविश्वास का युग था. इस समय जनता में कोई बौद्धिक विकास नहीं थी. चारों तरफ अशिक्षा और अज्ञानता का वातावरण था. शिक्षा का कोई व्यवस्था न था. इसकी वजह से लोगों में सोचने-समझने की शक्ति नहीं थी. नवीन विचारों को अपनाने पर उन्हें दंडित किया जाता था. लेकिन आधुनिक युग की शुरुआत के साथ ही शिक्षा का विकास हुआ. इसके बाद लोगों में बौद्धिक क्षमता का विकास होने लगा. वे नवीन खोजों और आविष्कारों की ओर मुड़ने लगे. इसके बाद बहुत से साहित्यकारों का भी उदय हुआ जिन्होंने अपने साहित्य के द्वारा लोगों के बौद्धिक विकास को बढ़ावा दिया.
3. राष्ट्रीयता की भावना का उदय
मध्यकाल में यूरोप के तमाम ईसाई जगत राजनीति और संस्कृति दृष्टिकोण से एक माना जाता था. इस समय राजनीतिक क्षेत्र का प्रमुख राजा को माना जाता था और धार्मिक क्षेत्र का प्रमुख पोप को माना जाता था. लेकिन कालांतर में पोप भी राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने लगे. इस वजह से राजा और पोप के बीच में टकराव होने लगा था. मध्य काल के पश्चात जैसे ही आधुनिक युग में आधुनिक काल में प्रवेश हुआ, लोगों का राजा से सीधा संपर्क होना शुरू हो गया. इस वजह से शक्तिशाली राजतंत्र की स्थापना हुई. राजतंत्र के स्थापना होने से देशवासियों में राष्ट्रीयता की भावना का भी उदय होने लगा था. इसी राष्ट्रीयता की भावना यूरोप को आधुनिक युग में की ओर ले चला.
4. राष्ट्र भाषा और साहित्य का विकास
मध्यकाल में यूरोपीय ईसाई जगत में पोप का प्रभुत्व था. इस कारण उनकी भाषा लैटिन थी. लेकिन आधुनिक काल में प्रवेश होने के बाद यूरोपीय देशों में बहुत से साहित्यकार, समाज सुधारकों और लेखकों का उदय हुआ. इन्होंने अपने साहित्य से लोगों को प्रभावित किया है तथा भाषा प्रेम की ओर अग्रसर हुआ. मार्टिन लूथर ने बाइबिल का जर्मन भाषा में अनुवाद किया. इसी प्रकार शेक्सपियर ने भी अंग्रेजी में बहुत सारे साहित्य का सृजन किया. फ्रांस के साहित्यकारों ने भी फ्रांसीसी भाषा में अनेक साहित्य को प्रकाशित किया. इस प्रकार क्षेत्रीय भाषा में लोगों की बौद्धिक स्तर को बढ़ाया और राष्ट्र भाषा और साहित्य के प्रति प्रेम का जागृत हुआ हुआ.
5. छापेखाने का आविष्कार
जर्मनी में सर्वप्रथम छापेखाने का आविष्कार गुटेनबर्ग नामक व्यक्ति ने किया. वहीं इंग्लैंड में कॉक्सटन नामक एक व्यक्ति ने 1476 ई. में छापेखाने का आविष्कार किया. छापेखानों के आविष्कार यूरोपिय देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध हुए. इससे पहले पुस्तकें हाथों से लिखी जाती थी. लेकिन छापेखाने के अविष्कार के बाद पुस्तकें छपने लगी. इनका मूल्य भी कम होता था. कम समय में अधिक और उच्च गुणवत्ता वाले पुस्तक के छपने लगी. इन पुस्तकों को पढ़ने से जनता का बौद्धिक स्तर में काफी विकास हुआ.
6. धार्मिक आंदोलन
शिक्षा के प्रसार के कारण यूरोपियन देशों में जनता की सोच समझने की शक्ति तथा तर्क-वितर्क करने की शक्ति बहुत ही बढ़ गई. अब वे आंख बंद करके पोप की आज्ञाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे. इस समय मार्टिन लूथर जैसे बहुत से समाज सुधारकों ने पोप का विरोध किया. उन्होंने इंग्लैंड में पोप के प्रभुत्व को खत्म किया और एक नए चर्च का गठन किया, जिसे प्रोटेस्टेंट चर्च कहा जाता है. इस प्रकार पोप के अधीनस्थ से यूरोपीय देश आजाद होने लगे थे.
7. साम्राज्यवादी का जन्म
आधुनिक युग में प्रवेश करने के साथ-साथ इंग्लैंड की शक्ति में काफी वृद्धि होती चली गई. इंग्लैंड दूसरे देशों पर अपनी उपनिवेशों को स्थापित करता चला गया. यूरोपीय लोगों ने बहुत से देशों की खोज की. कोलंबस ने 1942 ई. में अमेरिका की खोज की. इसी प्रकार 1497 ई. में वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की. इसी प्रकार इंग्लैंड ने नए स्थानों की खोज कर वहां पर अपनी उपनिवेशों को स्थापित कर देता था. उपनिवेश की भूख ने बहुत से युद्धों को जन्म दिया और बहुत सारे देश एक-दूसरे से टकराने लगे थे. इसमें इंग्लैंड ने सबसे ज्यादा सफलता प्राप्त की और अपना विशाल साम्राज्य स्थापित किया.
8. व्यवसायिक संगठन
आधुनिक युग के आगमन के साथ-साथ यूरोप में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के बीच सामाजिक और आर्थिक संबंध स्थापित हुए. इस वजह से बहुत से उद्योग-धंधे स्थापित हुए और व्यापार तेजी से बढ़ने लगा. इसके परिणामस्वरूप बहुत सारे व्यवसायिक संगठनों का निर्माण हुआ. दूर-दूर देशों से संपर्क स्थापित हो जाने के कारण एक-दूसरे के यहां से कच्चे माल की आयात-निर्यात किया जाने लगा. इससे पूंजीपति और श्रमिक वर्ग का जन्म हुआ. व्यवसायिक संगठनों का निर्माण, आधुनिक युग के आर्थिक क्षेत्र में बहुत ही बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन था.
9. आधुनिक अस्त्र-शस्त्र
यूरोप में आधुनिक युग में प्रवेश करने के साथ-साथ बहुत सी नई तकनीकों का आविष्कार हुआ. इन तकनीकों की मदद से बहुत से आधुनिक हथियारों का भी निर्माण हुआ. इससे वहां के राजा काफी शक्तिशाली हुए. इसकी वजह से सामंतवाद का खात्मा हुआ, लेकिन साथ ही साथ कई राजाओं ने अपनी निरंकुशता पूर्वक शासन करना शुरू किया.
10. व्यक्तिवाद का विकास
आधुनिक युग में प्रवेश करते ही मनुष्य की सोचने-समझने की क्षमता में काफी बदलाव हुआ. अब वे अपने धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक महत्व को जानने और समझने लगे. उन्हें पता चलने लगा कि वे श्रेष्ठ हैं. आधुनिक युग से पहले व्यक्ति का कोई महत्व नहीं था. लेकिन अब उन्हें पता चला चलने लगा कि वे श्रेष्ठ हैं. यही सोच के कारण इंग्लैंड का प्रभाव पूरे यूरोप पर छाने लगा था.
प्रकार देखा जाए तो इस प्रकार आधुनिक युग में प्रवेश करते ही यूरोपीय देशों में बहुत बदलाव आया. लोग दासत्व से आजाद होने लगे. लोग पुराने विश्वास, नीतियों और परंपराओं को छोड़कर नए स्वरूप को अपनाने लगे. सामंतवाद से त्रस्त लोग अब आधुनिक युग में प्रवेश करने के साथ-साथ चैन की सांस लेने लगे थे. इसी के साथ आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत से स्रोत खुल गए.
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