छापेखाने का आविष्कार का महत्व
छापेखाने का आविष्कार का महत्व यूरोप के पुनर्जागरण बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यूरोप में सर्वप्रथम छापाखाना 1460 ई. में जर्मनी के गुटनबर्ग नामक व्यक्ति ने किया. यह उस समय के महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक था. इससे पहले किताबों और अखबारों को हाथ से ही लिखना पड़ता था. छापाखाना के आविष्कार के बाद किताबें छपने लगी. इसमें समय और खर्च में काफ़ी कमी हुआ और किताबों की गुणवत्ता काफी बढ़ गई. 1476 ई. में इंग्लैंड के कैक्सटन नामक व्यक्ति ने भी छापेखाने के प्रचलन को काफी बढ़ाया. किताबों के छपने से इसकी गुणवत्ता काफी बढ़ गई थी. लोगों में किताब पढ़ने की इच्छा और भी प्रबल होती चली गई. इससे शिक्षा का प्रसार काफी तेजी से हुआ. इससे जनता में काफी जागरूकता आने लगी. पहले लिखने के लिए जानवर के खालों और पेड़ों के छालों का उपयोग किया जाता था. छापाखाने के आविष्कार के बाद कागजों की प्रचलन में तेजी आई.
छापाखाने के आविष्कार ने यूरोप के पुनर्जागरण में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसकी मदद से बड़े पैमाने में काम समय तथा कम लागत में किताबें लोगों तक पहुँचने लगे. क्रांतिकारी तथा आधुनिक विचारधारा लोगों तक आसानी से पहुँचने लगे थे. अत: उन समय छापाखाने का आविष्कार यूरोपवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था.
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