तैमूर का भारत पर आक्रमण का विस्तृत वर्णन करें

तैमूर का भारत पर आक्रमण

तैमूर का भारत पर आक्रमण, भारत के लिए बहुत ही विनाशकारी सिद्ध हुआ. तैमूर ने भारत में सैकड़ों नगरों को लूटा, लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम किया. सैकड़ों की संख्या में मंदिरों को लूटा और इनको ध्वस्त किया. लाखों की संख्या में स्त्रियों, बच्चों और पुरुषों को गुलाम बनाकर ले जाया गया. लाखों हिन्दुओं को मुसलमान बनाया गया. तैमूर ने भारत से अपार धन-संपत्ति को लूटकर ले गया.

तैमूर का भारत पर आक्रमण

1. मुल्तान पर अधिकार

तैमूर ने अपने भारत अभियान पर निकलने से पूर्व पोते पीर मुहम्मद को एक विशाल सेना के साथ भारत की ओर रवाना किया. पीर मुहम्मद ने सिंधु नदी पार कर उच्च प्रदेश पर हमला कर उसे जीत लिया. इसके 6 माह के बाद उसने मुल्तान पर आक्रमण किया और उसपर अधिकार कर लिया. मुल्तान पर अधिकार करने की सुचना तैमूर को दी गई. इसके बाद तैमूर 1398 ई. के अप्रैल महीने में एक विशाल सेना के साथ समरकंद से भारत की ओर रवाना हुआ. वहां से वह तलबा की ओर प्रस्थान किया और वहाँ पर हमला करके उस नगर को लूटा और नगरवासियों का कत्लेआम किया. इसके बाद वह दीपालपुर पर हमला कर जीत हासिल की.

तैमूर का भारत पर आक्रमण

2. भटनेर पर विजय

दीपालपुर पर विजय हासिल करने के बाद वह भटनेर पहुंचा. वहां पहुंचकर उसने भटनेर के दुर्ग को चारों ओर से घेर लिया. भटनेर के शासक ने तैमूर का सामना किया, पर तैमूर के विशाल सेना के सामने उसे हार का सामना करना पड़ गया. भटनेर जीतने के बाद तैमूर ने खूब लूटमार मचाई. उसने वहां के निवासियों के अन्न और कीमती वस्तुओं को लूटा और बड़ी संख्या में लोगों का कत्लेआम किया.

3. सिरसा तथा कैथल पर विजय

भटनेर को जीतने के बाद वह दिल्ली की ओर प्रस्थान किया. उसके मार्ग पर सिरसा और कैथल पड़ा. तैमूर ने यहाँ भी काफी लूटमार मचाई. इन नगरों के हजारों हिन्दुओं का वध कर दिया गया. बड़ी संख्या में स्त्रियों और बच्चों को कैद कर लिया. बड़ी संख्या में हिन्दुओं को मुसलमान बनाया गया.

तैमूर का भारत पर आक्रमण

4. दिल्ली पर आक्रमण

तैमूर ने 17 दिसम्बर 1398 ई. को अपनी विशाल सेना लेकर दिल्ली पर आक्रमण किया. इस समय दिल्ली का सुल्तान नसीरूद्दीन महमूद था. नसीरुद्दीन बहुत ही दुर्बल सुल्तान था. वह तैमूर की सेना का सामना नहीं कर सका. अत: वह पराजित होकर गुजरात की ओर भाग गया. तैमूर ने 18 दिसंबर 1398 ई. को दिल्ली पर अधिकार कर लिया. इसके बाद तैमूर ने धूमधाम से दिल्ली में अपना दरबार लगाया. उसके सैनिकों ने जी भर कर दिल्ली नगर को लूटा. हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. सैकड़ों की संख्या में युवक-युवतियों को अपने साथ दास बना कर ले गए. तैमूर लगभग 15 दिनों तक दिल्ली में रुका. इसके बाद 1 जनवरी 1399 ई. को दिल्ली छोड़ दिया.

तैमूर का भारत पर आक्रमण

5. हरिद्वार तथा मेरठ में लूटपाट

दिल्ली से निकलकर वह फिरोजाबाद होकर मेरठ पहुंचा. यहाँ भी उसे काफी लूटमार मचाई और लोगों का कत्लेआम किया. वहां से वह हरिद्वार पहुंचा. हरिद्वार के समीप दो हिन्दू राजाओं ने तैमूर का सामना किया, पर तैमूर की विशाल सेना के सामने वे टिक नहीं सके. तैमूर की सेना ने दोनों सेनाओं को रौंदती हुई हरिद्वार पहुंची. हरिद्वार में भी तैमूर की सेना ने भीषण लूटमार मचाई, यहाँ से मंदिरों को लूटा और काफी संख्या में लोगों की हत्त्या की और स्त्रियों और बच्चों को बंदी बनाया. 

तैमूर का भारत पर आक्रमण

6. जम्मू पर आक्रमण

हरिद्वार तथा मेरठ को लूटकर तैमूर की सेना शिवालिक की पहाड़ियों के किनारे होते हुए कांगड़ा पहुंची. तैमूर की सेना ने कांगड़ा में भी भीषण लूटमार मचाई. फिर उसकी सेना जम्मू की ओर बढ़ी. तैमूर ने जम्मू से राजा को पराजित कर यहाँ के नगरों को खूब लूटा. इसके बाद तैमूर ने मुल्तान और दीपालपुर को अपने प्रतिनिधि खिज्रखां को सौंपकर अपने देश समरकंद लौट गया.

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