नाजीवाद
नाजीवाद जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचारधारा है. नाजीवादी विचारधारा के अनुसार देश में केवल एक व्यक्ति के द्वारा शासन किया जाना चाहिए तथा जनता के हृदय में कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देश-प्रेम की भावना तथा विदेशी विरोधी की भावना होनी चाहिए.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी की अंदरूनी हालात और आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी. हिटलर ने अपने जोशीले भाषणों के द्वारा देश की आर्थिक और अंदरूनी स्थिति सुधारने, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने, किसानों को ऋण देने और बुजुर्गों को वृद्धापेंशन देने का आश्वासन देकर जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा. जनता के पूर्ण समर्थन मिलने के बाद 1933 ई. में हिटलर जर्मनी की सत्ता पर काबिज होने में सफल रहा. सत्ता हिटलर के सत्ता हासिल करने के बाद जर्मनी में नाजीवाद का काफी तेजी से उदय हुआ. तानाशाही शासन की स्थापना की छल-कपट, भय और आतंक का सहारा लेकर लम्बे समय तक जर्मनी में अपनी सत्ता बनाए रखा.
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इन्हें भी पढ़ें:
- नाजीवाद के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए
- नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों का वर्णन करें
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