भारत पर अरब आक्रमण
सातवीं शताब्दी में अरब अचानक एक शक्तिशाली सैन्य शक्ति के रूप ने उभरने लगे थे. इसके बाद वे भारत पर भी आक्रमण करना शुरू कर दिए. अरबों का पहला भारतीय अभियान 636 ई. से 643 ई. के बीच में हुआ. इस अभियान के दौरान अरबों ने थाना (मुम्बई), भड़ौच तथा देवल बंदरगाहों पर अधिकार करने का प्रयास किया, पर वे असफल रहे और वापस लौट गए.
708 ई. में श्रीलंका से इराक जा रहे जहाज को लुटेरों ने देवल बंदरगाह के समीप लूट लिया. इस लूट के विरोध में अरबों ने फिर से भारत पर आक्रमण करना शुरू कर दिए. अरबों के दूसरे अभियान के कुछ शुरूआती असफलता के बाद सफलताएं मिलती चली गई. इस अभियान में अरबों ने देवल, निरून, सेहवान तथा सिंध पर अधिकार कर लिया. इसके अलावा अरबों ने राजस्थान तथा गुजरात के कुछ क्षेत्रों पर भी अपना अधिकार करने में सफलता प्राप्त की. लेकिन अरबों की यह सफलता अस्थायी रही क्योंकि पुलकेशी राज, नागभट्ट द्वित्य ललितादित्य और यशोवर्मा जैसे उत्तर भारत के शक्तिशाली राजाओं ने अरबों को भारत से बाहर खदेड़ दिया.
भारत पर अरब आक्रमण का प्रभाव
1. सामाजिक प्रभाव
अरबों के आक्रमण का सबसे ज्यादा प्रभाव तत्कालीन भारतीय समाज पर पड़ा. अरबों के भय या अन्य कारणों से बड़ी संख्या में भारतीयों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया था. इसके कारण बड़ी संख्या में अरब और भारतीयों के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित हुए. इसका परिणाम ये हुआ कि भारत में मुसलामानों का एक नवीन वर्ग का जन्म हुआ.
2. राजनीतिक प्रभाव
अरबों ने लगभग सम्पूर्ण सिंध पर विजय प्राप्त करने के बाद गुजरात और राजस्थान के कुछ भागों पर विजय प्राप्त की. इन स्थानों में अरबों को मिली विजय अस्थायी रही क्योंकि उत्तर भारत के कुछ शक्तिशाली राजाओं ने अरबों को लगभग हर मोर्चों पर परास्त करना शुरू कर दिया और अरबों को भारत छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ गया. अरबों के भारत पर अल्प समय के लिए शासन करने कारण राजनीतिक दृश्टिकोण से भारत पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा.
3. सांस्कृतिक प्रभाव
अरबों के आक्रमण के कारण भारतीय संस्कृति का व्यापक प्रभाव पड़ा. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव व्यापार के क्षेत्र में हुआ. अरब और भारतीयों के संपर्क में आने के बाद भारतीय व्यापार में काफी उन्नति हुई. नए नए बंदरगाह खुले. भारतीय दर्शन का प्रभाव इस्लाम पर भी पड़ा. अरबों को भारतीयों से ही दशमलव पद्धति और नक्षत्र ज्ञान मिला.
इस प्रकार हम देखते हैं कि अरब आक्रमणकारियों को भारत में आंशिक सफलता मिली. अत: अरबों के अभियान से भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में आंशिक प्रभाव देखने को मिला. वहीं राजनीतिक क्षेत्र में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा.
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