मथुरा कला पर टिप्पणी लिखिए
मथुरा कला जिस समय गांधार में गांधार शैली का विकास हो रहा था, लगभग उसी समय मथुरा में भी एक नवीन शैली जन्म ले रही थी. इस शैली का केंद्र …
प्राचीन भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न
मथुरा कला जिस समय गांधार में गांधार शैली का विकास हो रहा था, लगभग उसी समय मथुरा में भी एक नवीन शैली जन्म ले रही थी. इस शैली का केंद्र …
गांधार शैली कुषाण काल में गांधार नाम का एक ऐसा प्रदेश हुआ करता था जहां एशिया और यूरोप की सभ्यताएं एक-दूसरे से मिलती थी. ये पूर्व से भारतीय, पश्चिम से …
शुंगकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दशा भारतीय संस्कृति के विकास की दृष्टिकोण से शुंग एवं सातवाहन काल का बहुत ही विशिष्ट महत्व है. शुंग काल से पहले बौद्ध …
पुष्यमित्र शुंग के उत्तराधिकारी पुष्यमित्र शुंग की मृत्यु 148 ई. पू. में हुई. पुराणों के अनुसार पुष्यमित्र शुंग के आठ पुत्र थे. अतः उसने प्रत्येक पुत्र के लिए अपने साम्राज्य …
शुंग काल का महत्व शुंग वंश की स्थापना 184 ई. पू. में हुआ तथा इसका पतन 72 ई. पू. में हुआ. इस प्रकार शुंग वंश का संपूर्ण शासन काल 112 …
पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण धर्म का अनुयायी था. उसने अपने शासनकाल में अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान किया. इस यज्ञ का वर्णन मालविकाग्निमित्रम् और पतंजलि ने किया …
मौर्य काल के नगर प्रशासन कौटिल्य एवं मेगस्थनीज के विवरण से पता चलता है कि मौर्यकालीन नगर प्रशासन अत्यंत उच्च कोटि एवं सुव्यवस्थित था. नगर का प्रधान अधिकारी नागरिक कहलाता …
अशोक के उत्तराधिकारी सम्राट अशोक की मृत्यु के बाद उसके अयोग्य उत्तराधिकारियों के कारण मौर्य साम्राज्य का पतन होता चला गया. अशोक के उत्तराधिकारियों के विषय में विभिन्न स्रोतों से …
अशोक के धम्म का स्वरूप जब तक धम्म विस्तृत विश्लेषण नहीं किया जाता, तब तक धम्म के स्वरूप के बारे में सटीकता से व्याख्या नहीं की जा सकती है. यही …
सेल्यूकस और चंद्रगुप्त के बीच की संधि 1. सेल्यूकस ने एरियाना प्रदेश के विस्तृत भू-भाग चंद्रगुप्त को दे दिया. चंद्रगुप्त का साम्राज्य सेल्यूकस की पराजय से पूर्व सिंधु नदी तक …