अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्यों का वर्णन करें

अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्य (Administrative reforms of Alauddin Khilji)

अलाउद्दीन खिलजी राजत्व के सिद्धांत में विश्वास रखने वाला व्यक्ति था. वह साम्राज्य चलाने के लिए निरंकुश सत्ता पर विश्वास करता था. वह अपनी नीतियों में किसी प्रकार के हस्ताक्षर को स्वीकार नहीं करता था. उसने प्रशासन पर पहले से चली आ रही अमीरों और उलमा के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश की. इसके लिए उसने शासन पर से उलमा के धार्मिक महत्व को खत्म कर दिया. इसके साथ ही अमीरों का भी दमन किया. 

अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्य

अलाउद्दीन खिलजी ने सुल्तान से विश्वासघात करके सिहासन पर अधिकार किया था. यही कारण है सिंहासन पर बैठते ही उसे भी विद्रोह का सामना करना पड़ा. लगातार हो रहे विद्रोह के कारण अलाउद्दीन परेशान होउठा. इस विषय पर काफी विचार-विमर्श करने पर वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि विद्रोह पर नकेल कसने के लिए कुछ प्रशासनिक सुधार करना आवश्यक है.

प्रशासनिक सुधार कार्य

1. धन संपत्ति पर अधिकार

अलाउद्दीन इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उनके राज्य में हो रहे विद्रोहों का प्रमुख कारण अमीरों के पास विशाल जागीरें और धन संपदा का होना है. इसलिए उसने अमीरों से उसकी धनसंपदा छीनने का प्रयास किया. उसने अमीरों की संपत्ति पर राज्य का अधिकार घोषित किया. उसने माफी भूमि पर भी कर लगाए. माफी भूमि वह भूमि होती थी जिस पर किसान और जमीन दारी खेती करते थे तथा इन पर कोई कर नहीं लगती थी. अलाउद्दीन खिलजी ने कर वसूली करने वाले अधिकारियों को अधिक से अधिक कर वसूलने का आदेश दिया. इससे ऐसा वर्ग जो बिना मेहनत किए खाता था, उनका खात्मा हो गया.

अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्य

2. मदिरापान पर प्रतिबंध

अलाउद्दीन खिलजी के विचार था कि मदिरापान करने से लोग उत्तेजित हो जाते हैं और उनमें विद्रोह करने की भावना पनपने लगती है. यही कारण उसने मदिरापान पर प्रतिबंध लगा दिया. वह खुद मदिरापान करना छोड़ दिया. मदिरापान करने वालों तथा बेचने वालों को कठोर दंड देता था. इसके बावजूद मदिरापान पर पूर्णता रोक नहीं लगाया जा सका. लोग चोरी-छुपे पीते ही थे. अतः उसने नियमों में थोड़ी छूटदे दी और लोगों को घरों में निजी रूप से मदिरा बनाने की छूट दे दी.

अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्य

3. समारोहों पर प्रतिबंध

अलाउद्दीन अमीर लोगों के परस्पर मिलने जुलने-वाले समारोहों, दावतों आदि पर प्रतिबंध लगा दिया. अमीर किसी भी विवाह समारोह तथा विवाह-संबंध सुल्तान की अनुमति के बिना नहीं कर सकते थे. इससे सामाजिक मेल-मिलाप बंद हो गया और जीवन नीरस हो गया. लोगों को जीवन बोझ सा लगने लगा.

4. गुप्तचर व्यवस्था

अलाउद्दीन ने होने वाले विद्रोहों से संबंधित गुप्त सूचनाओं को पाने के लिए गुप्तचर विभाग का गठन किया. उसने अत्याधिक सक्षम गुप्तचर विभाग की गठन की. इसका नतीजा यह हुआ कि अमीर लोगों के घरों, अधिकारियों के कार्यलयों और अन्य स्थानों में होने वाले चर्चा, विचार-विमर्शों और गपशपों की सूचनाएं तथा छोटी-मोटी खबरें सुल्तान तक पहुंच जाती थी. इसका नतीजा ये हुआ कि इस प्रकार के विचार-विमर्शों और गपशपें बंद हो गई. मोरोलैण्ड के अनुसार उसने इतनी प्रभावशाली गुप्तचर व्यवस्था की स्थापना की थी कि किसी में इतना साहस नहीं था कि वो देशद्रोहिता के एक शब्द भी फुसफुसा सके.

अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्य

इन बातों से हमें यह पता चलता है कि अलाउद्दीन खिलजी के राजसिंहासन पर बैठने के बाद से ही उसके साथ समस्याएं शुरू हो गई. अतः उसने इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उसने तरह-तरह के  उपाय करने शुरू कर दिए.

इन्हें भी पढ़ें:

Note:- इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें. आपके प्रश्नों के उत्तर यथासंभव उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी.

अगर आपको हमारे वेबसाइट से कोई फायदा पहुँच रहा हो तो कृपया कमेंट और अपने दोस्तों को शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम और अधिक आपके लिए काम कर सकें.  

धन्यवाद.

1 thought on “अलाउद्दीन खिलजी के प्रशासनिक सुधार कार्यों का वर्णन करें”

Leave a Comment

Telegram
WhatsApp
FbMessenger