इटली के एकीकरण में बाधाएं क्या थी?

इटली की एकीकरण

19 वीं सदी में इटली कई भागों में बंटा हुआ था. हर भाग में अलग-अलग राजा शासन करते थे.  हर राज्य की कानून भिन्न थी. लेकिन इनके बावजूद कुछ इटली वासियों के मन में राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ. वे इटली को फिर से संगठित कर एक सशक्त और मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना चाहते थे. लेकिन इटली के एकीकरण के रास्ते में बहुत सारी बाधाएं थी. इन सभी बाधाओं के कारण इटली का एकीकरण संभव नहीं हो पा रहा था.

इटली के एकीकरण में बाधाएं

इटली के एकीकरण में बाधाएं

1. इटली में बाहरी शक्तियों का नियंत्रण

इटली अनेक राज्यों में बंटा हुआ था. प्रत्येक राज्य में विभिन्न विदेशी शक्तियों का नियंत्रण था. यही शक्तियां इटली में एकीकरण की सबसे बड़ी बाधाएं साबित हो रही थी. इटली पर सबसे ज्यादा प्रभाव ऑस्ट्रिया का था. लोम्बार्डी और वेनीशिया पर उसका नियंत्रण था. इसके अलावा मोडेना और टस्कनी पर ऑस्ट्रिया समर्थित राजाओं का शासन था. पर्मा की राजकुमारी भी ऑस्ट्रिया की थी. इस प्रकार लगभग पूरी इटली पर ऑस्ट्रिया का ही नियंत्रण था. वह नहीं चाहता था कि इटली का एकीकरण हो. यही कारण था कि इटली वासियों के द्वारा तमाम कोशिशें करने पर भी इटली का एकीकरण नहीं हो पा रहा था. कैवूर ने इस विषय पर कहा था कि “ऑस्ट्रिया इटली की स्वतंत्रता का सबसे प्रमुख शत्रु है.”

इटली के एकीकरण में बाधाएं

2. पोप का असीमित अधिकार क्षेत्र

इस समय कैथोलिक ईसाईयों का सबसे बड़ा धर्मगुरू पोप के पास असीमित अधिकार क्षेत्र थे. उनके ही शक्तिशाली राजसत्ता के कारण इटली दो भागों में बंट गए थे. पोप के राज्य को जीतना आसान नहीं था क्योंकि उसे यूरोप के समस्त देशों का समर्थन प्राप्त था. उनपर आक्रमण करने से समस्त यूरोपीय देशों की जनता नाराज हो जाती और उनके दबाव में आकार यूरोपीय देशों को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ जाता. अतः जब तक पोप के हाथ में सत्ता थी तब तक उसने इटली को एक होने नहीं दिया.

3. प्रांतीय व्यापक फूट

इस समय तक इटली कई अलग-अलग राज्यों में बंटा हुआ था. सभी राज्यों में अलग-अलग क़ानून लागू थे. व्यवस्थाएं भी अलग-अलग थी. सभी राज्यों के लोगों में राष्ट्रीय चेतना बिल्कुल नहीं थी. यही कारण लोगों के विचारों में काफी भिन्नताएं थी. इन्हीं भिन्नताओं के कारण इन प्रांतों के लोगों के बीच आपसी फूट की भावना थी. इसके कारण वे इटली के एकीकरण के लिए आपसी एकता की भावना को जगा नहीं पा रहे थे.

इटली के एकीकरण में बाधाएं

4. राजाओं का स्वार्थ

इटली के प्रत्येक राज्य अलग-अलग राजाओं के द्वारा शासन किया जा रहा था. वे अपनी सत्ता का किसी भी सूरत में त्याग नहीं करना चाहते थे. वे अपने निरंकुश सत्ता को हमेशा के लिए कायम रखना चाहते थे. वे इटली की एकीकरण और राष्टीय एकता के लिए अपने स्वार्थ का किसी भी सूरत में परित्याग नहीं करना चाहते थे. यही कारण था कि इटली के एकीकरण के कार्य में कठिनाई हो रही थी. 

5. इटली के एकीकरण के लिए भिन्न मत

इटली के एकीकरण के विषय में इटली वासियों के विभिन्न मत थे. कुछ लोग इटली में पूर्ण गणतंत्रात्मक शासन के पक्ष में थे. कुछ लोग इटली में पोप की अध्यक्षता में संघीय राज्य की स्थापना के पक्ष में थे. वहीं कुछ सार्डीनिया-पीडमाण्ड की अध्यक्षता में इटली की एकीकरण करने के इच्छुक थे. इस प्रकार इटली के एकीकरण  प्रश्न पर  अलग-अलग मत भी इटली के एकीकरण के रास्ते में बहुत बड़े बाधक थे. 

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