उपनिवेशवाद से क्या अभिप्राय है? यूरोपीय देशों के औपनिवेशिक विस्तार का वर्णन कीजिए

उपनिवेशवाद (Colonialism)

किसी शक्तिशाली तथा समृद्ध राष्ट्र के द्वारा किसी दूसरे देश पर अधिकार करके अपने व्यापारिक या अन्य हितों के लिए वहाँ से शासन करना ही उपनिवेशवाद कहलाता है.

उपनिवेशवाद

1. स्पेन का उपनिवेश

विश्व में सर्वप्रथम स्पेन के द्वारा ही समुद्री यात्राएं करने शुरुआत की गई. इस कारण विश्व में सर्वप्रथम उपनिवेशों की स्थापना स्पेन के द्वारा ही की गई. स्पेन का निवासी कोलंबस समुद्री यात्राएं कर के नए-नए देशों की खोज करता था. इस प्रकार वह समुद्री यात्राएं करते-करते उतरी अमेरिका पहुंच गया और वहां पर उन्होंने अपने उपनिवेशकों की स्थापना करना आरंभ कर दिया. इसके बाद उसने पश्चिमी द्वीप समूह के कुछ द्वीपों पर अधिकार करके उसमें अपने उपनिवेशन की स्थापना किया. इसके बाद स्पेन वासियों ने उत्तरी अमेरिका के फ्लोरिडा से वेनेजुएला तक के प्रदेशों पर अपना अधिकार करके वहां पर अपना उपनिवेश स्थापित किया. 1519 ई. में स्पेन के हरनाण्डो कोर्टस नामक एक नविक ने स्पेन के लिए उपनिवेशों की स्थापना की.

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16 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक स्पेन ने दक्षिणी अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के अधिकांश भागों पर अधिकार करके अपना उपनिवेश स्थापित कर चुका था. 1521 ई. में स्पेन ने फिलीपींस के द्वीप समूह पर अधिकार कर वहां अपना उपनिवेश स्थापित कर लिया था.

इस दौरान पुर्तगाल भी अपना उपनिवेश स्थापित करने में लगा हुआ था. अत: उपनिवेश स्थापित करने के विषय पर पुर्तगाल और स्पेन के बीच आपसी टकराव होना शुरू हो गया. दोनों के बीच उत्पन्न झगड़े के विवाद को पोप के मध्यस्थता में सुलझाया गया. इस फैसले के मुताबिक दुनिया को दो भागों में बांटा गया. पश्चिमी भाग जिसमें मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका थे, यह क्षेत्र स्पेन को मिला. वहीं दूसरी ओर पुर्तगाल को पूर्वी भाग का हिस्सा मिला जिसमें अफ्रीका, सुदूर पूर्व, श्रीलंका, भारत आदि क्षेत्र थे.

2. पुर्तगाल के उपनिवेश

समझौते के परिणामस्वरुप पुर्तगाल अब केवल पूर्वी क्षेत्रों तक ही सीमित रह गया. अत: वह पूर्व दिशा में एशिया महाद्वीप के भारत, श्रीलंका, पूर्वी द्वीप समूहों, चीन, सुदूर पूर्व तथा जापानी क्षेत्र में अपने उपदेशों का विस्तार किया. 1498 ई. में पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट पर पहुंचकर वहां पर अपना उपनिवेश स्थापित किया. भारत में स्थापित पुर्तगाली उपनिवेशों ने पुर्तगाल के लिए पूर्व का मार्ग प्रशस्त कर दिया.

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इसके बाद पुर्तगाली नौसैनिक बेड़े श्रीलंका के मनार और कोलंबो पर अधिकार कर वहां अपना व्यापारिक केंद्र स्थापित किया. इसके बाद उन्होंने पूर्वी द्वीप समूह पर भी अपना अधिकार कर वहां गरम मसालों के व्यापार को अपने नियंत्रण में कर लिया. इसके बाद वे चीन और जापान पर भी अपना बनाने की कोशिश में लगे रहे. इसी बीच पुर्तगाल ने थाईलैंड पर अधिकार करके कंबोडिया को अपना व्यापारिक केंद्र बनाया. इसके बाद पुर्तगाल ने अफ्रीका में भी अपने उपनिवेश स्थापित किए. उन्होंने अफ्रीका के पश्चिमी तट सोफाला और मोजांबिक अपना व्यापार केंद्र बनाया.

3. इंग्लैंड का उपनिवेश

ट्यूडर काल से पहले इंग्लैंड का सामुद्रिक व्यापार अत्यंत अल्प विकसित था. धीरे-धीरे इंग्लैंड सामुद्रिक व्यापार के महत्व को समझने लगा. महारानी एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैंड ने समुद्री रास्तों की खोज करनी आरंभ कर दी. इंग्लैंड का उपनिवेश विस्तार एवं सामुद्रिक व्यापार में प्रगति स्टूअर्ट काल में हुआ.

उपनिवेशवाद

1600 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की गई थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने समुद्री व्यापार एवं उपनिवेशों की स्थापना में काफी तेजी लाई. उसने विश्व के कोने-कोने में अपने उपनिवेशों की स्थापना की. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपना उपनिवेश स्थापना किया. इंग्लैंड ने भारत में उपदेशों को स्थापित करते भारत में अपनी राजनीतिक शासन की भी स्थापना कर डाली थी.

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