कुषाण कौन थे? कुषाणों का प्रथम शासक कौन थे? | कुषाण वंश का संस्थापक कौन था?

कुषाण कौन थे?

कुषाणों के विषय में विद्वानों में अत्यधिक मतभेद है. वहीं आधुनिक विद्वानों का कहना है कि कुषाण पश्चिमी चीन के गोबी प्रदेश में रहने वाली यू-ची जाति से संबंध रखते थे. इस संबंध में आधुनिक विद्वानों के द्वारा दिए गए तर्क सर्वाधिक तर्कसंगत प्रतीत होता है. आधुनिक विद्वानों के अनुसार कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कैडफिसेस (कैडफिसेस प्रथम) कुषाण थे.

कुषाण कौन थे?

यू-ची जाति मुख्य रूप से पांच शाखाओं में विभाजित थी. ये शाखाएं- हो-मी, चाउआंग-मी, ही-तुम ताऊ-मी और कोई-चाउऑंग थी. कोई चाउआंग को ही कुषाण के नाम से जाना जाता है. इन पांचों शाखाओं में कुषाण ही सबसे शक्तिशाली थे. अतः उन्होंने अन्य चारों शाखा के राजाओं को परास्त करके उनके राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया. इसके बाद यू-ची जाति के सभी शाखाएं एक हो गई और इसके बाद यू-ची के स्थान पर कुषाण शब्द का ही प्रयोग होने लगा.

कुषाणों का प्रथम शासक

कुषाणों का प्रथम शासक कुजुल कैडफिसेस (कैडफिसेस प्रथम) था. इसी ने यू-ची के अन्य शाखाओं पर विजय प्राप्त करके कुषाण साम्राज्य की स्थापना की थी. ऐसा प्रतीत होता है कि आरंभ में कुजुल कैडफिसेस यूनानी शासक के अधीन थे, लेकिन बाद में उसने यूनानी अधिपत्य समाप्त कर एक स्वतंत्र कुषाण साम्राज्य की स्थापना की.

कुषाण कौन थे?

कुजुल कैडफिसेस इसके बाद उसका पुत्र विम कैडफिसेस (कैडफिसेस द्वितीय) कुषाण साम्राज्य का शासक बना. वह भी अपने पिता के समान वीर और महत्वकांक्षी शासक था. चीनी लेखकों ने उसका नाम येन-काओ-चेन बताया है. चीनी इतिहासकारों ने उसे भारत विजेता भी कहा है. यही कारण विद्वानों ने आशंका जाहिर की है कि संभवतः भारत में कुषाण साम्राज्य की स्थापना करने वाला शासक विम कैडफिसेस ही था.

कुषाण कौन थे?

विम कैडफिसेस की मृत्यु के बाद शक्तिशाली शासकों के अभाव में कुषाण साम्राज्य में अव्यवस्था उत्पन्न हो गया था. संभवत इस दौरान कुषाण साम्राज्य पर प्रांतीय शासकों के द्वारा शासन किया गया. इस अवधि की कुछ मुद्राएं प्राप्त हुई है. इन मुद्राओं में सोटर मेगस नामक कुषाण शासक का जिक्र पाया गया. हालांकि इस शासक के बारे में कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है.

कुषाण कौन थे?

विम कैडफिसेस की मृत्यु के दो दशक बाद 78 ई. में कनिष्क कुषाण साम्राज्य के शासक बना. कनिष्क का कुषाण साम्राज्य का शासक बनना भी अपने आप में एक विलक्षण घटना है क्योंकि इसके शासनकाल में कुषाण साम्राज्य एक शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में स्थापना हुई. कनिष्क भी अपने आप में एक रहस्य ही है. कनिष्क कौन था? कनिष्क और विम कैडफिसेस के बीच में क्या संबंध था? इस विषय में विद्वान में काफी मतभेद है. स्टोन कोनो नामक विद्वान का मानना है कि कनिष्क यू-ची शाखा का था. लेकिन अन्य विद्वान पी.सी. बागची इसका खंडन करते हैं. कुछ इतिहासकारों का विचार है कि कनिष्क विम कैडफिसेस के अधीन प्रांतीय शासक था. उसने विम की मृत्यु बाद कुषाण साम्राज्य पर अधिकार कर लिया. वहीं कछ विद्वान मानते हैं कि विम और कनिष्क एक ही वंश के है. इस मत का आधार मथुरा के देवकुल में प्राप्त विम और कनिष्क दोनों की प्रतिमाओं का एक साथ मिलना है. अतः इन बातों से स्पष्ट है कि कनिष्क इसके बारे में निश्चित रूप से कहना कठिन है.

कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक

कनिष्क, कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक था. उसके शासनकाल में कुषाण साम्राज्य अपने शिखर पर पहुंच गए थे. वह अत्यंत कुशल योद्धा सेनापति और एक महत्वकांक्षी शासक था. सत्ता संभालने के बाद उसने अपने विजय अभियानों के द्वारा अपने साम्राज्य का विस्तार किया. इसके लिए उन्हें भारतीय प्रदेशों पर विजय प्राप्त करने के अलावा समकालीन पार्थिया और चीनी साम्राज्य से भी युद्ध लड़ना पड़ा था. कनिष्क ने लगभग 45 वर्षों (कहीं-कहीं 23 वर्ष लिखा है) तक राज्य किया. इसके बाद उसके सेनापतियों ने ही कनिष्क के लगातार युद्ध अभियानों से तंग आकर उसकी हत्या कर दी.

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