ताइपिंग विद्रोह के असफलता के कारण
ताइपिंग विद्रोह की शुरुआत में बहुत अपार जनसमर्थन मिला. इसका मुख्य वजह था इस विद्रोह के निश्चित उद्देश्य थे. लेकिन वक्त के साथ यह विद्रोह असफल हो गया.

इस विद्रोह के असफलता के कारण
1. सैनिक कारण
प्रारंभ में विद्रोहियों को सिर्फ चीन की मंचू सरकार की शाही सेना का सामना करना पड़ा जो कि बहुत ही दुर्बल सैन्य शक्ति थी. इसी वजह से जगह-जगह उन्हें सफलता मिलती गई और धीरे-धीरे उनके प्रभाव चीन के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती चली गई. चीन में विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव को देखकर रूस, फ्रांस, इंग्लैंड और अमेरिकी जैसे शक्तियों को हस्तक्षेप करना पड़ गया. उन्होंने मिलकर विद्रोहियों का दमन करना शुरू कर दिया. विदेशी सैनिक प्रशिक्षित थे तथा आधुनिक अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित थे. इसके विपरीत विद्रोही प्रशिक्षित नहीं थे और इनके पास कोई ऐसा हथियार नहीं था जिससे विदेशी सेना का मुकाबला कर सकती थी. इसीलिए इनको हरा पाना विद्रोहियों के लिए कठिन हो गया. यद्यपि विद्रोही राष्ट्रीयता की भावना से भरे तथा उत्साही और निर्भित थे, लेकिन उनके पास उचित सैन्य प्रशिक्षण के अभाव तथा अस्त्र-शस्त्र की कमी थी. इसी वजह से विदेशी सेना के सामने उनको हार का सामना करना पड़ गया.

2. धार्मिक कारण
चीन की जनता ताओ और कन्फ्यूशियस के सिद्धांतों पर विश्वास रखते थे. इसके विपरीत विद्रोहियों के द्वारा चलाई जा रही सिद्धांत ईसाई धर्म से प्रेरित थी. जिसकी वजह से विद्रोहियों और जनता के बीच में खाई बनती चली जा रही थी. इसी बीच मंचू सैनिकों ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया. इस प्रकार धीरे-धीरे विद्रोहियों को जनसमर्थन मिलना कम होते चला गया. वास्तव में एक विद्रोही नेता ने स्वयं को ईसा का अनुज बता कर बहुत बड़ी भूल की थी.

3. विद्रोही नेताओं का चरित्र हनन
ताइपिंग विद्रोह के नेता बहुत से नेता धीरे-धीरे अपने मूल उद्देश्य से भटक कर ऐशो आराम और भोग विलास में लिप्त होने लगे. उन्होंने अपने लिए बहुत सारे रखैल रख लिए थे. उनके ऐशो-आराम की आदतों के कारण उनकी सैन्य क्षमता कम होती चली गई. उन्होंने अपने भोग विलास के लिए लोगों से धन वसूलना शुरू कर दी. इस वजह से जनसधारण अत्यंत दुखित हुए और विद्रोहियों को समर्थन देना बंद कर दिया.

4. विद्रोही नेता की मृत्यु
1864 ईस्वी में नाॅनकिंग पर विदेशी संयुक्त सेना ने कब्जा कर लिया. इससे घबराकर विद्रोही नेता हुंग हसिऊ चुआन ने आत्महत्या कर ली. जिसकी वजह से यह ने विद्रोही नेतृत्व विहीन हो गए. जिसके कारण विद्रोही सैनिक तितर-बितर हो गए. इसके बाद विद्रोहियों को संगठित करने वाला कोई नेता नहीं बचा. ऐसे में विद्रोह करने वाला कोई बचा नहीं.

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि विद्रोही एक निश्चित उद्देश्य को लेकर अपने विद्रोह को आरंभ किए थे. लेकिन समय के साथ-साथ वह कमजोर पड़ते चले गए. उनके सैनिक अस्त्र शास्त्र के संचालन कि प्रशिक्षण नहीं लिए थे. जिसके कारण विदेशी सैनिकों का सामना करना उनके लिए संभव नहीं रहा. इसके अलावा विद्रोही नेताओं के ऐसो आराम और भोग विलास ताकि जीवन में लिप्त हो जाने के कारण संगठन के मूल उद्देश्य सेवर हटते चले गए. इस वजह से ताइपिंग विद्रोह असफल हो गया.
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