द्वितीय विश्वयुद्ध(1939-45 ई.) की प्रमुख घटनाएं क्या थी?

द्वितीय विश्वयुद्ध(1939-1945 ई.)

जर्मनी के द्वारा 1 सितंबर 1939 ई. को पोलैंड पर आक्रमण करने के साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई. यह युद्ध लगभग 6 वर्षों तक लड़ा गया. द्वितीय विश्वयुद्ध मानव इतिहास का सबसे भयावह एवं विनाशकारी युद्ध था. इस युद्ध ने संपूर्ण विश्व को प्रभावित किया. इस युद्ध के प्रभाव इतने व्यापक थे कि इसने विश्व इतिहास के एक युग का अंत कर दिया और इसके बाद एक नए युग का आरंभ हुआ.

द्वितीय विश्वयुद्ध(1939-45 ई.) की प्रमुख घटनाएं क्या थी?

द्वितीय विश्वयुद्ध की प्रमुख घटनाएं

1.पोलैंड पर आक्रमण

1 सितंबर 1949 ई. को जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया. पोलैंड ने अत्यंत बहादुरी के साथ जर्मनी का सामना किया लेकिन इसी समय जर्मनी की मदद के लिए रूस की सेना आ पहुंची. जर्मनी और रूस की संयुक्त सेनाओं ने पोलैंड की सेना को करारी शिकस्त दी और उन्होंने पोलैंड पर अधिकार कर लिया.

2.फिनलैंड पर रूस का आक्रमण

1949 ई. में रूस ने भी जर्मनी का अनुसरण करते हुए फिनलैंड पर आक्रमण कर दिया. इस युद्ध में उसने फिनलैंड को हराकर उस पर अधिकार कर लिया. इसके बाद उसने लातविया, लिथुआनिया तथा एस्ट्रोनिया पर भी हमले किए और इनपर अपना अधिकार कर लिया. रूस के द्वारा इन देशों पर आक्रमण करने का मुख्य उद्देश्य उसे अपनी पश्चिमी सीमाओं को सुरक्षित करना था. अतः उसने इन युद्धों में विजय प्राप्त करने के बाद रूस ने अपनी पश्चिमी सीमाओं को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया.

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3.फ्रांस की पराजय

1940 ई. के शुरुआत में ही जर्मनी ने डेनमार्क और नीदरलैंड पर अधिकार कर लिया. इसके बाद उसने बेल्जियम के रास्ते फ्रांस पर आक्रमण कर दिया. फ्रांस पर आक्रमण करने का मुख्य कारण 1914 ई. में फ्रांस से मिली करारी हार का बदला लेना था. फ्रांस की सहायता करने के लिए इंग्लैंड की सेना भी पहुंच गई. कंकारक नामक स्थान पर फ्रांस और इंग्लैंड की संयुक्त सेनाओं और जर्मनी की सेना के बीच भीषण युद्ध हुआ. इस युद्ध में जर्मनी ने फ्रांस और इंग्लैंड की संयुक्त सेनाओं को बुरी तरह पराजित किया. इस हार के बाद 22 जून 1940 ई. को फ्रांस जर्मनी के समक्ष हथियार डाल दिए. इसके बाद फ्रांस के बहुत बड़े भाग पर जर्मनी का कब्जा हो गया.

4. रूस पर आक्रमण

जर्मनी और रूस के बीच 1949 ई. को अनाक्रमण की संधि हुई थी. इस संधि के मुताबिक दोनों देश एक-दूसरे पर कभी हमला नहीं करेंगे. लेकिन हिटलर रूस की बढ़ती सैन्य शक्ति से चिंतित होने लगा. उसे शंका थी कि रूस उसे धोखा दे रहा है और वह जर्मनी पर हमला कर सकता है. इसके अलावा हिटलर को अंदेशा  था कि रूस ने इंग्लैंड और अमेरिका से गुप्त रूप से संधि कर ली. अत: हिटलर ने रूस की ओर से होने वाले संभावित खतरे को खत्म करने के लिए 22 जून 1941 ई. को अनाक्रमण की संधि को भंग करके बिना किसी चेतावनी के रूस पर आक्रमण कर दिया. हिटलर के द्वारा रूस पर हमला करना उसकी बहुत बड़ी भूल साबित हुई. रूसी सेना ने जर्मनी की सेना का सामना किया जिससे हिटलर अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया. रूस ने इसका बदला लेने के लिए जुलाई 1941 ई. में जर्मनी के खिलाफ इंग्लैंड के साथ संधि कर ली.

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5. पर्ल हार्बर पर जापानी आक्रमण

इस समय तक जापान का चीन के साथ युद्ध चल रहा था. जापान, चीन को कई मोर्चों पर धूल चटा चुका था. जिसके कारण जापान का हौसला काफी बुलंद हो चुका था. इसी अति आत्मविश्वास में आकर जापान ने 8 सितंबर 1941 ई. को उत्तरी प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी नौसेना के अड्डे पर भीषण हमला कर दिया. अमेरिका इस हमले के लिए तैयार नहीं था. अतः उसे इस हमले में काफी जान-माल की हानि उठानी पड़ी. जापान के इस हमले के बाद इस विश्वयुद्ध में तटस्थ रहने वाला अमेरिका ने भी युद्ध की घोषणा कर दी.

6. डेनमार्क और नीदरलैंड पर आक्रमण

फ्रांस पर  विजय प्राप्त करने के बाद जर्मनी ने डेनमार्क और नीदरलैंड पर आक्रमण किया. इसमें जर्मनी को विजय प्राप्त हुई और उसने डेनमार्क और नीदरलैंड पर अधिकार कर लिया.

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7. मुसोलिनी का पतन

1940 ई. में इटली ने जर्मनी के साथ मिलकर फ्रांस के द्वारा अधिकार किए गए अपने क्षेत्रों पर वापस अधिकार कर लिया. इसके बाद जर्मनी और इटली की संयुक्त सेनाओं ने मिस्र, त्रिपोली, अल्जेरिआ आदि प्रदेशों पर भी अधिकार कर लिया. इन दोनों देशों के द्वारा लगातार अनेक देशों पर हमला करने के कारण स्थिति बदलने लगे. 1943 ई. में मित्र राष्ट्र की सेनाओं ने इन देशों से जर्मनी तथा इटली के प्रभाव को खत्म करने में सफलता प्राप्त की. इसके बाद मित्र देश की सेनाओं ने इटली पर धावा बोला तथा उस पर अधिकार कर लिया. इटली का शासक मुसोलिनी ने भागकर जर्मनी की शरण ली.

8. हिटलर का पतन

इटली को परास्त करने के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी पर हमला कर दिया. इंग्लैंड तथा अमेरिकी वायुसेना ने जर्मनी पर भीषण बमबारी की. इसके साथ ही इंग्लैंड और अमेरिकी सेनाओं ने अलग-अलग दिशाओं से जर्मनी पर धावा बोला. जर्मनी इन हमलों का मुकाबला नहीं कर पाया और वह बुरी तरह पराजित हो गया. इस हार से हताश होकर हिटलर ने अप्रैल 1945 ई. को आत्महत्या कर ली. इसके बाद मई 1945 ई. में जर्मनी की सेना ने भी हथियार डाल.

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9. हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले

इधर जापान अब तक युद्ध चीन के साथ युद्ध करने में व्यस्त था. जापान की सेनाएं लगातार चीन में घुसती जा रही थी. जापान के द्वारा पर पर्ल हार्बर पर आक्रमण करने के कारण अमेरिका बौखलाया हुआ था. इसका बदला लेने के लिए अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा ( 6 अप्रैल 1945 ई.) और नागासाकी ( 9 अप्रैल 1945 ई.) में परमाणु बम गिराया. इन हमलों में भीषण तबाही हुई और लाखों संख्या में लोग मारे गए. इस हमले के बाद जापान की कमर टूट गई और उनमें युद्ध करने का साहस ना बचा. अत: उसने 14 अगस्त 1945 ई. को आत्मसमर्पण कर दिया. जापान के आत्मसमर्पण करने के साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध का अंत हो गया.

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