नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों का वर्णन करें

नाजीवाद और हिटलर के उदय

हिटलर ने जब से अपनी तानाशाही शासन स्थापित की. उसने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए छल-कपट, रक्तपात और आतंक का सहारा लिया. इससे उसे अपनी सत्ता बनाए रखने में पूर्ण सफलता प्राप्त हुई और नाजी दल दिन प्रतिदिन उत्कर्ष होता चला गया. हर दिन हिटलर को सफलता मिलती चली गई. इस कारण उसका प्रभाव जर्मनी में दिन-प्रतिदिन  बढ़ता चला गया.

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारण

1. वार्साय की संधि

वार्साय की संधि हिटलर अथवा नाजीवाद के उदय के लिए सबसे बड़ा कारण माना जाता है. इसका मुख्य वजह है कि हिटलर इस संधि का घोर विरोधी था. उसका मानना था कि वार्साय की संधि को जर्मनी पर जबरन थोपा गया है. हिटलर ने वार्साय की संधि के खत्म करने के लिए इसके विरोध में तीव्र अभियान चलाया. हिटलर के इस अभियान से निराश हो चुकी जर्मनी की जनता हिटलर की ओर आशा भरी निगाहों से देखने लगी. इस कारण हिटलर का प्रभाव और प्रसिद्धि जर्मनी में दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला गया. हिटलर ने वार्साय की संधि का नाश हो और हम फिर से हथियार रखेंगे आदि का नारा दिया और जर्मनी के जनता ने इसे पूरे दिल से स्वीकार किया. इस प्रकार जर्मनी की जनता उसके साथ हो चली और हिटलर का उदय होता चला गया.

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों

वहीं हार्डी और लिप्सन जैसे विद्वान् इस कथन का समर्थन नहीं करते उनका कहना है कि अगर वार्साय की संधि हिटलर या नाजीवाद के उदय का कारण होता तो उनका उदय वार्साय की संधि के 3 से 4 साल बाद ही हो जाता. जबकि हिटलर का उदय वार्साय की संधि के 14 साल बाद हुआ लेकिन इनका तर्क तर्कसंगत नहीं मानी जा सकता है क्योंकि जर्मनी की जनता लम्बे समय तक वार्साय की संधि की अपमानजनक शर्तों को नहीं भूली थी. इस संधि के तहत जर्मनी के कई प्रदेशों पर वार्साय के तहत फ्रांस और बेल्जियम का कब्ज़ा बरकरार था.

2. आर्थिक कारण

हिटलर के उदय के लिए जर्मनी के आर्थिक संकट ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. 1930 में यूरोप में भीषण आर्थिक संकट पड़ा. इस आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा प्रभाव जर्मनी पर पड़ा पड़ा. इसी बीच चांसलर ब्रुनिंग के पदभार संभालते वर्साय की संधि खिलाफ नाजियों ने पूरे जोर-शोर से पूरे देश में प्रचार और प्रसार करना शुरू कर दिया. जर्मनी की पूरी तरह जर्जर हो चुकी आर्थिक स्थिति के कारण जर्मनी की जनता के द्वारा प्रत्येक स्थान पर उसकी आलोचना की जा रही थी. अंतरराष्ट्रीय सहयोग तंत्र कमजोर पड़ चुकी थी. लोग इस आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए एक नए नेता चुनाव करना चाहते थे. जर्मनी की जनता के सामने इस संकट से निकलने के लिए इस समय हिटलर जैसे प्रभावशाली व्यक्ति के अलावा उनके सामने कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था. जून 1931 तक जर्मनी के किसान लगभग 3 अरब डॉलर कर्ज के भार से दबे हुए थे. ऐसे समय में हिटलर ने जर्मनी के किसानों को ऋण प्रदान करने का आश्वासन दिया. बड़े-बड़े उद्योगों और मॉल्स की राष्ट्रीयकरण करने की बात कही जाने लगी. बड़े पूंजीपति भी समाजवाद घबराकर हिटलर का समर्थन करने लगे थे. इस प्रकार हिटलर से इस आर्थिक संकट का भरपूर लाभ उठाया.

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों

3. गणतंत्र के प्रति जनता का रोष

वार्साय की संधि के बाद जर्मनी में गणतंत्र की शासन की स्थापना कर दी गई थी. वर्साय की संधि नाजीवाद के उत्कर्ष में बहुत ही सहायक सिद्ध हुआ. जर्मनी की जनता गणतंत्र शासन के घोर विरोधी होती जा रही थी. जनता जर्मनी में प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली की असफलता को स्पष्ट रूप से देख रही थी. अत: जर्मनी के जनता ने गणतंत्र शासन का विरोध किया. जनता की इस भावना का हिटलर ने भरपूर लाभ उठाया. वह भी पूरे जोर-शोर से जर्मनी में स्थापित गणतंत्र शासन का विरोध करना शुरू कर दिया. उसके इस अभियान को जनता ने भरपूर समर्थन दिया. इससे हिटलर जर्मनी में तेजी से लोकप्रिय होता चला गया.

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों

4. हिटलर का व्यक्तित्व एवं उसका प्रचार

नाजी दल के उदय में हिटलर के व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण योगदान था. उसका व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं से भरा हुआ था. उसमें आश्चर्यजनक प्रतिभा थी. वह एक कुशल वक्ता था. अपने भाषण के द्वारा जनता को अपनी ओर खींचने में सफल रहा. वह अपने भाषणों से जर्मन की जनता को अपने उद्देश्यों को समझा कर उन्हें अपने पक्ष में कर लिया. वह जिस अंदाज में अपने विचारों को प्रस्तुत करता था, वह अपने आप में अद्भुत था. वेन्स के अनुसार हिटलर में एक मनोवैज्ञानिक, कुशल नेता, उत्तम अभिनेता एवं प्रवीण संघटनकर्ता के गुण विद्यमान थे. उसने जिस प्रकार अपनी पार्टी का संगठन किया उससे उसकी पार्टी में नवीनता आयी.

नाजीवाद और हिटलर के उदय के कारणों

हिटलर का प्रचार कार्य अपने आप में अद्भुत एवं आकर्षक था. उसके प्रधानमंत्री गोबल्स का विचार था कि झूठ को इतना बार दुहराओ कि वह सत्य प्रतीत हो. युद्ध के बाद जर्मनी में बेरोजगार काफी बढ़ गई थी. हिटलर ने उनको रोजगार देते का आश्वासन देकर युवाओं का समर्थन हासिल कर लिया, शस्त्रीकरण का प्रचार कर सैनिकों का समर्थन प्राप्त कर लिया,  बुजुर्गों को वृद्धापेंशन और किसानों को ऋण देने का अस्वासन देकर इनका समर्थन भी हासिल कर लिया. इस प्रकार हिटलर ने जर्मनी के लगभग हर वर्ग का समर्थन हासिल कर अपनी लोकप्रियता में भरपूर इजाफा कर लिया.

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