पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोजों का वर्णन कीजिए

यूरोप में पुनर्जागरण

यूरोप में पुनर्जागरण काल मध्यकाल में ही शुरू हो गया था. पुनर्जागरण के होने से यूरोप में बहुत बड़ा बदलाव आने लगा. लोग धार्मिक विचारधाराओं से बाहर निकलकर विज्ञान, इतिहास, भूगोल तथा अन्य साहित्यों का अध्ययन करने लगे. इससे यूरोपियन समाज में जागरूकता बहुत तेजी से फैलने लगी. लोगों के द्वारा विज्ञान के अध्ययन करने के परिणामस्वरूप यूरोप औद्योगिकीकरण की दिशा में काफी तेजी से बढ़ने लगा. इसका परिणाम ये हुआ कि यूरोप में नई-नई चीजों का आविष्कार होने लगा. इन अविष्कारों ने यूरोप की साथ साथ विश्व इतिहास की दशा और दिशा ही बदल डाली.

पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोज

पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोज

1. छापाखाना का आविष्कार

पुनर्जागरण के बाद हुए अविष्कारों में छापाखाना का आविष्कार सबसे महत्वपूर्ण था. 1460 ई. में गुटेनबर्ग नामक व्यक्ति ने सर्वप्रथम जर्मनी में छापाखाना को स्थापित किया. इसके बाद 1476 ई. में कैप्टन नामक व्यक्ति ने इंग्लैंड में छापेखाने का प्रयोग करना शुरू किया. छापेखाने के आविष्कार के बाद किताबों के प्रचार-प्रसार में काफी सफलता मिली क्योंकि इसकी मदद से बड़े पैमाने पर किताबों का छापना आरंभ हो गया था. इससे पहले किताबों को हाथों से लिखना पड़ता था और उनकी संख्या बहुत कम होती थी. उसका मूल्य भी अधिक होता था. इससे जनसाधारण तक किताबों की पहुंच न के बराबर हो पाती थी. छापेखाने का आविष्कार होने के बाद कम समय में अधिक किताबों को छापा जाने लगाता था. इनकी मूल्य भी कम रहती थी. नतीजतन किताबों की पहुंच जनसाधारण तक आसानी से हो गया और लोग बड़े पैमाने पर किताबों का अध्ययन करने लगे. इससे समाज में काफी तेजी से जागरूकता फैलने लगी.

पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोज

2. कागज का आविष्कार

आधुनिक युग से पहले लोग लिखने के लिए जानवरों की खाल तथा पेड़ की छालों का प्रयोग करते थे. लेकिन पुनर्जागरण के बाद हुए खोजों के परिणामस्वरूप कागज का आविष्कार हुआ. यह कागज खाल और पेड़ों की छल की तुलना में काफी सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली थी. अत: कागज के आविष्कार होने के कारण लिखित सामग्रियों की काफी तेजी से उत्पादन होने लगी. इसके परिणामस्वरूप जनसाधारण तक किताबों के रूप में ये आसानी से उपलब्ध होने लगी. अतः छापेकारखाने और कागज के आविष्कार में संयुक्त रूप से यूरोप के पुनर्जागरण के प्रचार-प्रसार में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया.

पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोज

3. बारूद की खोज

यद्यपि यूरोप में बारूद का का प्रचलन पुनर्जागरण से पहले से ही चल रहा था. लेकिन पुनर्जागरण के बाद आधुनिक विज्ञान के खोज के फलस्वरुप बारूद का उपयोग तोपखाने तथा बंदूकों में भी किया जाने लगा. इससे इंग्लैंड के राजा ने इसकी मदद से आधुनिक हथियारों का निर्माण कर शक्तिशाली सेनाओं का गठन किया और सामंतों का दमन किया. साथ ही उन्होंने देश में राजनीतिक चेतना का प्रसार किया. अतः बारूद के अविष्कार ने भी राजाओं की सैन्य शक्ति में काफी इजाफा किया. इससे यूरोप की तत्कालीन राजनीतिक अवस्था में काफी बदलाव आया.

पुनर्जागरण काल में हुई वैज्ञानिक खोज

4. कुतुबनुमा का आविष्कार

कुतुबनुमा वह यंत्र है जिसके द्वारा समुद्री यात्रा के दौरान नाविक समुद्र में दिशाओं का पता आसानी से लगा सकते थे. कुतुबनुमा के आविष्कार होने के बाद बहुत से देशों के नविकों में दूर-दूर तक समुद्री यात्राएं करना शुरू कर दिए. इससे पहले समुद्र में भटक जाने के डर से लोग समुद्री यात्रा करने से कतराते थे. कुतुबनुमा के अविष्कार के बाद समुद्र में दिशा से भटकने का डर बहुत कम हो गया कुतुबनुमा के अविष्कार इस ने यूरोप तथा विश्व के अनेक देशों में समुद्री यात्री यात्रा को काफी सरल बना दिया. इससे यूरोप के लोग समुद्री मार्ग से विश्व के अनेक देशों से जुड़ने लगे. इस कारण उन देशों के साथ यूरोपीय व्यापारिक संबंधों में काफी तेजी आए तथा उन देशों के लोगों के साथ संपर्क आने से उनके बीच नवीन विचारों का आदान-प्रदान होने लगा.

—————————–

इसे भी पढ़ें:

  1. यूरोप में पुनर्जागरण के प्रभावों का वर्णन करें
  2. धर्म सुधार आंदोलन के क्या परिणाम हुए?
  3. धर्म सुधार आंदोलन के क्या कारण थे?

——————————–

Note:- इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें. आपके प्रश्नों के उत्तर यथासंभव उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी.

अगर आपको हमारे वेबसाइट से कोई फायदा पहुँच रहा हो तो कृपया कमेंट और अपने दोस्तों को शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम और अधिक आपके लिए काम कर सकें.  

धन्यवाद.

Leave a Comment

Telegram
WhatsApp
FbMessenger
error: Please don\'t copy the content.