पुनर्जागरण
युरोप में पुनर्जागरण का अर्थ पुराने विचारों को छोड़कर नवीन विचारों को अपनाना. मध्यकाल में यूरोप में अंधविश्वास भरी विचारधाराओं का बोल-बाला था. इस समय लोग पुराने विचारों और अवैज्ञानिक विचारधाओं से ग्रसित थे. नवीन सोच लाना एक अपराध था तथा ऐसी सोच लाने वालों को दण्डित किया जाता था. इन सब के वजह से यूरोप में अंधविश्वास, निराशा उत्साह-हीनता जैसी भावनाओं का जन्म होने लगा था.
ऐसे वक्त में बदलते परिस्थितिओं के कारण युरोप में अचानक नवीन विचारधाओं का जन्म होने लगा. अंधविश्वास को छोड़कर स्वतंत्रता की की भवाना, आर्थिक उन्नति, व्यक्तिवाद, राष्ट्रवाद जैसी भावनाएं जन्म लेने लगे. लोग पुरानी कुप्रथाओं को उखाड़ फेकने लगे. इसके परिणामस्वरूप यूरोप में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ. यूरोप में हुई इन्हीं बदली विचारधाराओं को एक शब्द में पुनर्जागरण कहा जाता है. फर्गूसन तथा ब्रून अनुसार “पुनर्जागरण का युग महत्वपूर्ण युग था, जिसमे बहुत कुछ मध्यकालीन था, कुछ स्पष्टत: आधुनिक तथा स्वयं में विशिष्ट था. इसने मध्य एवं आधुनिक युगों के बीच के रिक्त स्थानों को पाट दिया, परन्तु इसके साथ ही महान राजनितिक, सामाजिक एवं बौद्धिक जागृति का सांस्कृतिक काल था.”
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