पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति का वर्णन करें

पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति

पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण धर्म का अनुयायी था. उसने अपने शासनकाल में अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान किया.  इस यज्ञ का वर्णन मालविकाग्निमित्रम् और पतंजलि ने किया है. इसी अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को यवनों के द्वारा पकड़ने पर यवनों और पुष्यमित्र शुंग की सेना के बीच युद्ध हुआ. इस युद्ध में पुष्यमित्र शुंग की विजय हुई.

पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति

शुंग काल वैदिक धर्म के अभी उत्थान तथा ब्राह्मण धर्म एवं संस्कृति के पुनरुद्धार का युग कहलाता है. इस युग में ब्राह्मण धर्म ने अपना खोया हुआ वैभव पुनः प्राप्त किया तथा यह यज्ञ हवन, पूजा पाठ और कर्मकांड का पुनः बोलबाला हो गया. वर्णाश्रम व्यवस्था की मर्यादा पुना स्थापित हुई. इस प्रकार पुष्यमित्र शुंग ने ब्राह्मण धर्म के विलुप्त हो रहे हैं वैभव को पुन: गौरव के उच्च शिखर तक पहुंचा तथा भारत में पुन: वैदिक संस्कृति को सशक्त बनाया. उस ने वैदिक धर्म को राजधर्म घोषित किया तथा पाली के स्थान पर संस्कृत को राजभाषा का रूप प्रदान किया. इस प्रोत्साहन के परिणाम स्वरुप पतंजलि के महाभाष्य तथा मनु की स्मृति की रचना हुई. इस प्रकार राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी उसने महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की.

पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति

बौद्ध ग्रंथ दिव्यावादन एवं तारानाथ के वर्णन से पता चलता है कि पुष्यमित्र शुंग बौद्ध धर्म का घोर शत्रु था. उनके अनुसार पुष्यमित्र शुंग ने बड़ी संख्या में स्तूपों और विहारों का विनाश किया. तारानाथ का कहना है कि पुष्यमित्र और उसके सहयोगियों ने बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की और मध्यदेश से जालंधर तक मठों को नष्ट कर दिया. उसने पाँच वर्षों के भीतर उत्तर भारत से बौद्ध सिद्धांत को मिटा दिया. कहा जाता है कि पुष्यमित्र ने लगभग 84,000 बौद्ध स्तूपों को नष्ट कर दिया. कई बौद्ध मठों और शिक्षण केंद्रों को ध्वस्त कर दिया और बौद्धों का बेरहमी से कत्लेआम किया. कहा जाता है कि वह भी सम्राट अशोक की तरह प्रसिद्ध होना चाहता था. अत: उसके मंत्रियों ने उसे सलाह दी कि वह तभी प्रसिद्ध हो सकता है, जब वह बौद्ध धर्म को नष्ट कर दे.

इन्हें भी पढ़ें:

Note:- इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें. आपके प्रश्नों के उत्तर यथासंभव उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी.

अगर आपको हमारे वेबसाइट से कोई फायदा पहुँच रहा हो तो कृपया कमेंट और अपने दोस्तों को शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम और अधिक आपके लिए काम कर सकें.  

धन्यवाद.

1 thought on “पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति का वर्णन करें”

  1. क्या महाराजा पुष्यमित शुंग मंदिरों को तोड़ते थे

    Reply

Leave a Comment

Telegram
WhatsApp
FbMessenger