पुष्यमित्र शुंग के उत्तराधिकारियों का वर्णन करें

पुष्यमित्र शुंग के उत्तराधिकारी

पुष्यमित्र शुंग की मृत्यु 148 ई. पू. में हुई. पुराणों के अनुसार पुष्यमित्र शुंग के आठ पुत्र थे. अतः उसने प्रत्येक पुत्र के लिए अपने साम्राज्य को आठ भागों में विभक्त कर दिया था. लेकिन इस घटना का उल्लेख किसी अन्य स्रोतों में नहीं मिलती. इसलिए यह वर्णन सत्य प्रतीत नहीं होती है. मालविकाग्निमित्र से ज्ञात होता है कि पुष्यमित्र शुंग के पश्चात उसका पुत्र अग्निमित्र शासक बना तथा उसने 8 वर्षों तक शासन किया. अग्निमित्र कालिदास के नाटक मालविकागनी मित्र का नायक है. अग्निमित्र के शासनकाल के किसी प्रमुख घटना का उल्लेख नहीं मिलता है.

पुष्यमित्र शुंग के उत्तराधिकारी

अग्निमित्र के पश्चात वसुदेव शासक बना. उसके बाद अग्निमित्र का पुत्र वसुमित्र शासक बना. वसुमित्र ने अपने पितामह पुष्यमित्र के शासनकाल में यवनों को परास्त किया था. वसुमित्र के पश्चात क्रमशः आंध्र, पुलिण्डक, घोष, वज्रमित्र, भाग तथा देवभूति ने शासन किया. देवभूती शुंग वंश का अंतिम शासक था. देवभूती की हत्या उसकी मंत्री वासुदेव कण्व ने कर दी तथा उसके सिंहासन पर अधिकार करके कण्व वंश की स्थापना की. जिस प्रकार पुष्यमित्र शुंग ने अपने सम्राट वृहद्रत की हत्या करके राज्य प्राप्त किया था. उसी प्रकार शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति की हत्या करके कण्व वंश की स्थापना हुई. इस प्रकार शुंग वंश के शासकों ने लगभग 112 वर्षों तक शासन किया. शुंग वंश 72 ई. पू. में समाप्त हो गई.

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