प्रथम विश्व युद्ध के बाद आई आर्थिक मंदी का क्या कारण था?

आर्थिक मंदी (1929-33 ई.)

प्रथम विश्वयुद्ध के बाद विश्व के सामने आर्थिक मंदी (1929-33 ई.) का संकट उत्पन्न हो गया था. ये आर्थिक संकट लगभग 4 वर्षों तक अर्थात 1929 ई से 1933 ई तक छाया रहा. इस समय सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था समझे जाने वाले ब्रिटेन का राष्ट्रीय कर्ज भी 65 करोड़ 10 लाख से बढ़कर 7 अरब 83 करोड़ 68 लाख हो गया. ऐसी स्थिति विश्व के लगभग सभी देशों की थी. रूस में भी आर्थिक संकट के कारण जनता ने बगावत कर दी और जार के निरंकुश शासन को खत्म कर दिया. टर्की में भी जनता ने धार्मिक खलीफा को उतार फेंका और तानाशाह कमालपाशा को गद्दी में बैठाया. जर्मनी और इटली में भी राजतन्त्र ख़त्म कर तानाशाही शासन स्थापित कर दी गई.

आर्थिक मंदी (1929-33 ई.)

आर्थिक संकट का कारण

1. कर्ज वापस ना मिलना

इस समय इंग्लैंड और फ्रांस जैसे देश काफी समृद्ध देश थे. इन देशों ने रूस तथा अन्य देशों को कर्ज दे रखा था. लेकिन इन देशों ने इंग्लॅण्ड को कर्ज वापस नहीं किया. ऐसे में कर लेने वाले रूस तथा अन्य देश समृद्ध होते चले है गए. इसके विपरीत कर्ज देनेवाले देशों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया. इस आर्थिक संकट से निकलने के लिए इंग्लैंड और फ्रांस ने जर्मनी से युद्ध क्षतिपूर्ति के लिए धन प्राप्त करने की कोशिश की. लेकिन युद्ध के कारण बर्बाद हो चुका जर्मनी के पास पैसे नहीं थे. इस कारण इंग्लॅण्ड और फ्रांस को किसी तरह की धन नहीं मिली. इधर जर्मनी ने भी अपनी आर्थिक स्थिति को सुधरने के के बड़ी मात्रा में कागजी मुद्रा छापना शुरू कर दिया. इसका परिणाम यह हुआ कि इससे वहां जबरजस्त मुद्रास्फीति और वित्तीय संकट उत्त्पन्न हो गया.

2. प्रथम विश्वयुद्ध का प्रभाव

प्रथम विश्वयुद्ध के समय महंगाई काफी बढ़ गई थी. युद्ध के कारण बहुत से औद्योगिक संस्थान नष्ट हो गए इस कारण दैनिक जरूरतों हुए और अन्य सामानों का उत्पादन भी काफी घट गया. इस कारण युद्धरत देशों की जनता महंगाई की मार से काफी त्रस्त थी. लोगों के पास पैसे खत्म होने लगे. उनके पास भोजन तथा अन्य वस्तुओं की भारी कमी होने लगी. ऐसे में आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा था. इस सब के कारण यूरोप के साथ-साथ विश्व के बहुत से देश आर्थिक मंदी की चपेट में आ गए. 

आर्थिक मंदी (1929-33 ई.)

3. आर्थिक संकट चक्र

विश्व की आर्थिक इतिहास पर नजर रखने से पता चलता है कि समय-समय पर विभिन्न कारणों से विश्व में आर्थिक संकट चक्र आते रहता है. आर्थिक विशषज्ञों का मानना है कि इस दौरान आई आर्थिक मंदी में आर्थिक संकट चक्र का भी कुछ हद तक योगदान था. अतः इस समय आर्थिक संकट का एक कारण आर्थिक संकट चक्र भी है.

4. आर्थिक आत्मनिर्भरता

1929 ई. से 1933 ई. के बीच विश्व के कई देशों में आर्थिक आत्मनिर्भरता की भावना काफी बढ़ गई. इस कारण लोग अपने जरूरत के वस्तु को बाहर से मंगवाने के बजाय स्वयं बनाने शुरू कर दिए. हर देश की सरकारें बाहर से आने वाले वस्तुओं पर भारी-भरकम कर लगा दिए. ऐसे में बाहर से सामान आना लगभग बंद हो गया. इस सब के कारण बड़ी मात्रा में उत्पादन करने वाले देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.

आर्थिक मंदी (1929-33 ई.)

5. सोने की मानक को त्यागना

विश्व के इस आर्थिक संकट के दौरान कई देशों के सामने पास सोने की बहुत बड़ी मात्रा थी to कुछ देशों के पास कम थी. इस समय इंग्लैंड के पास 11 करोड़ 80 लाख पवन तक का सोना मौजूद था. लेकिन उसने इसे बाहर भेजना बंद कर दिया. इसे देखकर 40 से अधिक देशों में 1 वर्ष के अंदर ब्रिटेन का अनुसरण किया. इस कारण आर्थिक मंदी काफी प्रभावित हुई.

6. खरीदारों का अभाव

विश्वयुद्ध के दौरान बहुत से आधुनिक यंत्रों का आविष्कार हुआ. इन यंत्रों के इस्तेमाल करने से उत्पादन में काफी तेजी आने लगी. लेकिन इस दौरान लोगों के आर्थिक हालात ठीक नहीं होने कारण खरीदारी में भारी कमी आई. इसका परिणाम यह हुआ कि भारी मात्रा में माल गोदाम में इकट्ठा होने लगा. इससे सामान बर्बाद होने लगे. इस कारण व्यापार जगत को काफी नुकसान हुआ. इसने भी आर्थिक मंदी में काफी योगदान निभाई. मांग और उत्पादन में काफी अंतर उत्पन्न होने लगा. इस कारण अर्थव्यवस्था बिगड़ती चली गई.

आर्थिक मंदी (1929-33 ई.)

7. न्यूयॉर्क शेयर बाजार का दिवाला हो जाना

अक्टूबर 1929 ई. में न्यूयॉर्क शेयर बाजार का दिवाला निकल गया. इस कारण अमेरिका से यूरोपीय देशों को कर्ज मिलना बंद हो गया. इसके बाद विश्व के तमाम तमाम देशों की क्रय शक्ति काफी कम हो गई थी. क्रय शक्ति के कम हो जाने से वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा गिरावट आई. इस कारण यूरोपीय देशों के व्यापार को काफी धक्का पहुंचा और उसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा.

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इन्हें भी पढ़ें:

  1. यूरोप में हुए पुनर्जागरण के कारणों का वर्णन कीजिए
  2. इटली के एकीकरण पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए
  3. इटली के एकीकरण में मैजिनी, कैवूर और गैरीबाल्डी के योगदान का वर्णन करें

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