मुगलकालीन इतिहास के स्रोत के रूप में अबुल फजल का वर्णन
मुगलकालीन इतिहास के स्रोत के रूप में अबुल फजल का वर्णन भारत के मुगलकालीन स्रोत की जानकारी प्राप्त करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. अबू फजल भारतीय मुगलकालीन भारतीय इतिहास के एक महान इतिहासकारों में से एक थे. उनके द्वारा लिखी गई रचनाओं से हमें तत्कालीन इतिहास के बारे में व्यापक जानकारियां मिलती है. उनका जन्म 14 जनवरी 1551 ई. को हुआ था. इनका पूरा नाम अबुल फजल इब्न मुबारक था. इसने अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी जैसे कई महत्वपूर्ण साहित्यों की रचना की. उनकी रचनाओं से हमें मध्यकालीन इतिहास के बारे में बहुत सी जानकारियां मिलती है.
अबू फजल अपने साहित्य को लिखने में बहुत मेहनत की थी. उनके साहित्य में धार्मिक कट्टरता नहीं देखी जा सकती है. उसने अपने साहित्य की रचना धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से की, लेकिन फिर भी उसमें कुछ दोष पाए गए. जैसे कि तथ्यों को अपने हिसाब से बदल देना तथा तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर अथवा मरोड़ कर वर्णन कर देना. उसने कई युद्ध हुआ और विद्रोह को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया. इन बातों की पुष्टि अन्य इतिहासकारों के द्वारा रचित पुस्तकों से होती है. इतिहासकार हेनरी बेवरिज ने इतिहास लेखन के लिए अबू फजल की मेहनत की प्रशंसा की है, लेकिन साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि उसकी लेखनी में हेरोडोटस जैसे आकर्षण तथा अब्दुल कादिर बदायूनी जैसा तीखापन नहीं है.


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