मुसोलिनी की गृहनीति का वर्णन करें

मुसोलिनी की गृहनीति

इटली में इस समय गृहयुद्ध का माहौल था. इससे निपटने के लिए विक्टर इमानुएल ने मुसोलिनी को मंत्री मंडल बनाने का अधिकार दे दिया. इसके पश्चात इटली ने और मुसोलिनी ने 21 अक्टूबर 1922 ई. को अपना मंत्रिमंडल बनाया. इटली की जनता देश में परिवर्तन के पक्षपाती थी. इसीलिए उन्होंने इस परिवर्तन को सहजता से स्वीकार कर लिया. दरअसल मुसोलिनी संपूर्ण सत्ता को अपने हाथ में करना चाहता था. इसीलिए उसने कई कदम उठाए.

मुसोलिनी की गृहनीति

मुसोलिनी की गृहनीति के तहत किए गए कार्य

1. सत्ता का संगठन

मुसोलिनी अपनी गृहनीति के तहत सर्वप्रथम राजनीति क्षेत्र में फासीवादी सिद्धांतों को लागू करने का प्रयत्न किया. उसने संसद के समस्त अधिकार अपने पास रख लिए. 1923 ई. में उसने यह नियम बनाए क़ि बहुमत प्राप्त दल को लोकसभा में 2/3 स्थान प्राप्त होंगे. शेष बचे 1/3 स्थान अपने-अपने मत की प्राप्ति के अनुसार अनुपात में विभाजित होंगे. 1924 ई. के निर्वाचन में इस नियम के अनुसार फासिस्टों को 2/3 स्थान मिल गया. 1928 ई के निर्वाचन में संपूर्ण लोक सभा में फासिस्टों का अधिकार हो गया. इसके बाद मुसोलिनी ने संसद से अधिनियम पारित करवाकर प्रधानमंत्री पद को सत्ताधारी के रूप में परिवर्तन कर दिया. इससे वह संसद से अलग हो गया और जल, थल तथा वायु तीनों सेनाओं का अधिपति बन गया. इसके बाद उसे शासन का प्रधान कहा जाने लगा और वह अब केवल सम्राट के प्रति उत्तरदाई था. संसद के सदस्यों की नियुक्ति एवं उसके आदेशों पर निर्भर हो गए.

मुसोलिनी की गृहनीति

उसने शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए निम्न वर्ग बनाएं:

  1. मिनिस्ट्री:- यह एक प्रकार की कैबिनेट थी उसमें फांसी वादियों का बहुमत था
  2. ग्रैंड काउंसिल ऑफ फासिस्ट पार्टी:- यह फासी दल की समिति थी इसके सदस्यों की संख्या 25 थी
  3. पार्लियामेंट:- सीनेट के सदस्यों का चयन मुसोलिनी करता था इसके सदस्य आजीवन होते थे
  4. चेंबर ऑफ डिपुटीज:- मंत्रिमंडल एवं फासिस्ट पार्टी द्वारा इसके सदस्यों का चयन होता था

इन बातो से यह पूरी तरह स्पष्ट है कि संपूर्ण शासन तंत्र को मुसोलिनी ने अपने हाथों में ले लिया और वह तानाशाह बन बैठा.

2. इटली का फासिस्टिकरण 

मुसोलिनी के द्वारा संसदीय परिवर्तन का विरोध भी किया गया. किंतु मुसोलिनी ने विरोधियों का दमन कर दिया. समाजवादी नेता मोटिओटो इस परिवर्तनों का प्रबल विरोधी था. इस वजह से उसकी हत्या कर दी गई. विरोध ना हो इसके लिए लेखन, भाषण एवं समाचारपत्रों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित कर दिया गया. नौकरियों में फासिस्ट दल के सदस्य तथा फासीवाद पर विश्वास रखने वाले ही रखे जाते थे. जो फासीवाद पर विश्वास नहीं करता उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है और उन्हें कठोर सजा दी जाती थी. गुप्तचर विभाग की भी स्थापना की गई. इसका प्रमुख कार्य विरोधियों का पता लगाना था.

मुसोलिनी की गृहनीति

3. फासी दल का संगठन

इटली के फासीकरण के लिए मुसोलिनी ने भरसक प्रयास किया. उसने कहा कि इटली में केवल फासीवादी दल ही रहेगा क्योंकि वह महान है. 1920 ई. में एक कानून बनाकर इस दल को मान्यता दे दी गई. इस दल की स्थानीय व प्रांतीय शाखाएं खोली गई और इन सभी शाखाओं को केंद्रीय संस्था से जोड़ा गया. इसका प्रधान मुसोलिनी था. 1926 ई. में एक नियम बनाया गया कि मंत्रिपरिषद के सदस्य और ऐसा हो गई मंत्री परिषद के सदस्य ग्रांड काउंसिल के सदस्य होंगे. अतः मंत्रिपरिषद एवं काउंसिल में कोई भेद नहीं रहा. 1938 ई. तक एक ऐसा समय आया कि कौंसिल ही सर्वेसर्वा हो गई.

4. शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत से महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए. स्कूलों में फासीवादी शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया. स्कूलों में फासीवाद में विश्वास रखने वाले शिक्षक ही नियुक्त किए जाने लगे. डीन एवं प्रोफेसर फासिस्ट दल में विश्वास रखने वाले ही चयनित होते थे. वैज्ञानिक उन्नति के लिए विशेष प्रयत्न किया गया था. 6 से 8 वर्ष के बालकों को फिगली-डेमा थूपा का सदस्य होना पड़ता था. 8 से 14 वर्ष के बालकों को बालचर संस्था में प्रशिक्षण लेना पड़ता था. 14 से 18 वर्ष तक के बालकों को अवानगर्डिया नामक संस्था में प्रशिक्षित किए जाते थे. 21 से 33 वर्ष की आयु तक के प्रत्येक पुरुष सैन्य के लिए सैन्य शिक्षा आवश्यक थी. इस प्रकार उसने शिक्षा को प्रोत्साहित किया. 1921 ई में जहां निरक्षरों की संख्या का अनुपात 25% था, वहीं 1935 ई में यह घटकर 5% हो गया.

मुसोलिनी की गृहनीति

5. यहूदियों का विरोध

मुसोलिनी भी हिटलर की तरह यहूदियों का कट्टर विरोधी था. उसका मानना था कि इटली केवल विशुद्ध आर्य जाति के लिए है. वह यहूदियों को अनार्य मानता था. यही कारण यहूदियों को शिक्षा नौकरी विवाह तथा अन्य क्षेत्रों में प्रतिबंध का सामना करना पड़ता था. 

6. पोप से संबंध

संपूर्ण यूरोपीय इतिहास में रोम के पोप का बहुत अधिक महत्व था. इटली के एकीकरण के बाद पोप ने अपने को वेटिकन का बंदी माना करता था. वह रोमन कैथोलिक जनता को समय-समय पर जो आज्ञाएं देता था. उससे इटली को अत्यधिक हानि होती थी. अत: मुसोलिनी चाहता था कि राज्य का ध्यान धर्म से हटकर विदेशी मामलों की ओर अधिक होनी चाहिए. अत: मुसोलिनी ने पोप से बातचीत कर समझौता करना उचित समझा. उधर रोम का पोप भी समाजवादी प्रभाव से डरा हुआ था. अतः दोनों के बीच 11 फरवरी 1929 ई को लेटरिन की संधि हुई.

इस संधि के अनुसार:-

  1. रोम पर इटली की सरकार का अधिकार मान्य हुआ
  2. वेटिकन नगर पोप का स्वतंत्र नगर घोषित किया गया
  3. पोप ने $10 करोड़ देना स्वीकार कर लिया और साथ में अपने प्रादेशिक अधिकार को छोड़ दिया
  4. इस संधि के तहत सरकार ने पादरियों को वेतन देना स्वीकार कर लिया
  5. कैथोलिक धर्म राज धर्म माना गया
  6. शिक्षण संस्था में धार्मिक शिक्षा अनिवार्य कर दी गई
  7. धार्मिक विवाह प्रमाणिक घोषित हुआ

इसके बाद पोप ने स्वयं कहा इटली ने ईश्वर पा लिया और ईश्वर इटली को मिल गया. इससे मुसोलिनी का महत्व और बढ़ गया. राज्य सरकार एवं राज्य के नागरिकों का धार्मिक विवादों से ध्यान हट कर देश के विकास की ओर गया. इस कार्य की विद्वानों ने प्रशंसा की है.

7. आर्थिक क्षेत्र में सुधार

मुसोलिनी ने जब सत्ता अपने हाथ में लिया तब इटली आर्थिक संकट से गुजर रहा था. इटली के बजट करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहा था. अत: देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना बहुत जरूरी था. उसके लिए मुसोलिनी बहुत से अनेक कार्य किए. उनके द्वारा निम्नलिखित कार्य किए गए:-

सिंडिकेटिज़्म को प्रोत्साहनसिंडिकेट का तात्पर्य उस विचारधारा से है जिसका व्यवसायिक सरकार बनाने की योजना समाजवादियों, मजदूरों एवं फासिस्टों में पनप रही थी. वे लोग चाहते थे कि देश की आर्थिक दशा सुधारने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए. 1926 ई. में एक नियम के द्वारा प्रांतीय एवं स्थानीय शाखाएं खोली गई और संपर्क केंद्र शाखा से जोड़ दिया गया. केंद्र में बनाई गई  13 सिडिकेटों का नियंत्रण निगम मंत्री के हाथों में दिया गया. यह पद स्वयं मुसोलिनी ने संभाला. हर शाखाओं की अलग-अलग सिंडिकेट थी और अपने अपने स्तर से कार्य देखती थी. ये शाखाएं अंतरराष्ट्रीय संस्था से स्थापित नहीं कर सकती थी.

मुसोलिनी की गृहनीति

श्रमिक अधिकार पत्र- सन 1987 ई. में श्रमिक अधिकार पत्र घोषित किया गया. इसके अनुसार रविवार के दिन को छुट्टी घोषित किया गया. मजदूरों के चिकित्सा, मुआवजे, मृत्यु एवं बुढ़ापे संबंधी बीमा के अधिकारों को मान्यता दी गई. श्रमिकों के लिए 8 घंटे का कार्य निश्चित किया गया. इससे अधिक पर अतिरिक्त धन देय घोषित किया गया. हड़ताल, रैली आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

कारपोरेट स्टेट:- 1980 ई. में एक नियम पास किया गया. इस नियम के द्वारा आर्थिक क्षेत्र को राजनीतिक से जोड़ा गया. इससे आर्थिक विभागों को अब देश की लोकसभा बनाने का अधिकार मिल गया. यह कार्य केंद्र की 13 सिंडिकेट अपने सामान्य परिषदों के माध्यम से करते थे.

निगमात्मक व्यवस्था:-1934 ई. में अर्थव्यवस्था को निगमनात्मक व्यवस्था में बदला गया. देश में 22 निगमों की स्थापना की गई. निगम का मुख्य कार्य वितरण एवं मूल्य की व्यवस्था, श्रम के झगड़ों को हल करना, उत्पादन को बढ़ाना और सरकार के विशेष परामर्श देना था. इस व्यवस्था से देश को काफी लाभ मिला था.

कृषि संबंधी कार्य:- रोम तथा नेपल्स के दलदली भागों को सुखाकर कृषि योग्य बनाया गया. खाद, औजार एवं आधुनिक माध्यमों से कृषि की व्यवस्था की गई. गेहूं का उत्पादन बढ़ाया गया. विदेशों से आने वाले अनाज पर कर लगाया गया. इससे स्वदेशी कृषि को काफी प्रोत्साहन मिला. चल-चित्रों के माध्यम से शिक्षा दी गई.

औद्योगिक कार्य:- मुसोलिनी ने रेलों को विकसित किया, यातायात को सुगम बनाया, रेशम का उत्पादन किया. इटली में जहाज बनाने के कारखाने बनाए गए. इन कारखानों की देखरेख के लिए बोर्ड बनाया गया. विद्युत शक्ति का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग किया गया. इन औद्योगिक कार्यों से इटली की आर्थिक स्थिति काफी हद तक सुधरी.

मुसोलिनी की गृहनीति

बेरोजगारी दूर करने का उपाय:- बेरोजगारी दूर करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, सडकों और इमारतों वादी को ठीक किया गया. इससे बेरोजगारों को काम मिलना शुरू हो गया. यहूदियों के प्रति घृणा भरी गई. व्यवस्था पर बल दिया गया. इटली के अनेक बेरोजगार युवा सेना में भर्ती हो गए. कृषि को प्रोत्साहित करने से बेरोजगारी कम हुई.

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि मुसोलिनी ने आर्थिक क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए. परंतु प्राकृतिक संसाधनों की कमी के कारण इटली का उतना आर्थिक विकास नहीं हो पाया जितना प्रयत्न मुसोलिनी ने किया था. फिर भी यह तो मानना पड़ेगा ही कि उसके गृहनीति ने देश को राष्ट्रवादी और फासीवादी राष्ट्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा.

इन्हें भी पढ़ें:

Note:- इतिहास से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें. आपके प्रश्नों के उत्तर यथासंभव उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी.

अगर आपको हमारे वेबसाइट से कोई फायदा पहुँच रहा हो तो कृपया कमेंट और अपने दोस्तों को शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम और अधिक आपके लिए काम कर सकें.  

धन्यवाद.

1 thought on “मुसोलिनी की गृहनीति का वर्णन करें”

Leave a Comment

Telegram
WhatsApp
FbMessenger