यूरोप में पुनर्जागरण काल में कला की उन्नति पर प्रकाश डालिए

पुनर्जागरण काल में कला की उन्नति

मध्यकालीन में यूरोप की कला मुख्य रूप ईसाई धर्म से संबंधित थी. इस युग की यूरोपीय कला की शैली को गैथिक शैली के नाम से जाना जाता है. धर्म के साथ जुड़े होने के कारण मध्य काल के यूरोपीय में कला का अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं था. किंतु मानववाद के कारण पुनर्जागरण काल के दौरान यूरोपीय कला के क्षेत्र में काफी परिवर्तन आया. पुनर्जागरण काल में साहित्य एवं कला के क्षेत्र में विशेष प्रभाव पड़ा. इस समय कला के क्षेत्र में इटली संपूर्ण यूरोप में श्रेष्ठ थी. पुनर्जागरण के केंद्र के रूप में इटली पूरे यूरोप के कला के विभिन्न क्षेत्र जैसे कि स्थापत्य कला, मूर्तिकला, संगीत कला और चित्रकला का काफी विकास हुआ.

यूरोप में पुनर्जागरण काल में कला की उन्नति

पुनर्जागरण काल की कला

1. स्थापत्य कला

पुनर्जागरण के बाद इटली के कलाकारों ने प्राचीनतम यूनानी और रोनम कलाकारों की शैली को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया. इससे लोगों का ध्यान मध्ययुगीन गैथिक शैली से हटकर नवीन शैली की ओर केंद्रित होना शुरू हुआ. इससे एक नई कला शैली का उद्भव हुआ. इस नवीन कला शैली को रेनेसां स्थापत्य कला के नाम से जाना जाता है. रेनेसां स्थापत्य कला वास्तव में कोई विशेष अलग एवं विशिष्ट शैली नहीं थी बल्कि यह कई समूहों की समष्टि थी. इसका स्वरूप व्यक्तिवादी था एवं ये रोमन-यूनानी तथ्यों से इसकी काफी समानता पाई जाती थी. रेनेसां स्थापत्य कला की शुरुआत फिलिप्पो ब्रूनेलेंस्की ने किया था. श्रृंगार, सज्जा, विशालता एवं डिजाइन इस नवीन शैली की प्रमुख विशेषता थी. इस नवीन शैली के द्वारा व्यक्तिगत भवनों की खिड़कियों को क्लासिकल पंक्तियों, प्लास्टर और मेहराबों से सुसज्जित किया जाने लगा. फ्लोरेंस स्थित मेडिसी गिरजाघर और रोम स्थित संत पीटर का नया गिरजाघर स्थापत्य कला के सर्वोच्च नमूने हैं. धीरे-धीरे यह कला शैली पश्चिमी यूरोप में भी अपनाए जाने लगी. इसके बाद यह कला फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड, जर्मनी, इंग्लैंड तथा अन्य यूरोपीय देशों में तेजी से फैलता चला गया.

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2. मूर्तिकला 

पुनर्जागरण के बाद यूरोप के मूर्तिकला के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन दिखाई देने लगा. स्थापत्य कला की अपेक्षा मूर्तिकला के कलाकारों ने यूनानी शैली एवं स्वरूप से अधिक प्रेरणा प्राप्त की. इटली में रेनेसां मूर्तिकला का पथ प्रदर्शक डोनटेलो था. वह प्रकृति से अत्यधिक प्रभावित था. उसने प्राचीन आदर्शों की रक्षा करते हुए बच्चों एवं पुरुषों की अद्वितीय मूर्तियां बनाई. ल्यूका देला रोबिया, वेरकाक्यो और माइकल एंजेलो इस काल ले बेहतरीन मूर्तिकार थे. मोसेज और फ्लोरेंस में स्थित गिरजाघरों में माइकल एंजेलो के द्वारा बनाई गई मूर्तियां इस युग के कला के बेहतरीन नमूने में से एक मानी जाती है.

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3. संगीत कला 

पुनर्जागरण काल में संगीतकला के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन दिखाई देने शुरू हुए. इस काल में संगीत की ध्वनि, मात्रा, राग एवं पद्धति में हुए परिवर्तनों के साथ-साथ संगीत यंत्र के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन हुए विकास हुआ. संगीत कला पर यूनानी, हिब्रू एवं रोमन आदर्शों का भी व्यापक प्रभाव पड़ा. जॉन बुल, विलियम बर्ड, पेलेस्ट्रीना आदि इस युग के महानतम संगीतज्ञ थे.

यूरोप में पुनर्जागरण काल में कला की उन्नति

4. चित्रकला 

चित्रकला को प्राचीन काल से ही चर्च के द्वारा सर्वाधिक प्रोत्साहन किया जाता था. इसके कारण पुनर्जागरण काल में भी चित्रकला में धार्मिक प्रतीकों के रूप में बहुत ही महत्व दिया गया. धार्मिक परंपरा से यथार्थ की ओर चित्रकला को मोड़ने का प्रथम प्रयास माजासियो ने किया था. उसके इस प्रयास को फिलिपो लिप्पी और एंजेलिको ने आगे बढ़ाया. मशहूर चित्रकार लियोनार्डो डा विन्ची के द्वारा के द्वारा बनाई गई अंतिम भोज और मोनालिसा की विश्वप्रसिद्ध चित्रकारी इसी युग के कला का एक उदहारण है. इसके अलावा इटली के चित्रकार राफेल के द्वारा बनाई गई. विश्व प्रसिद्द चित्र सिस्टाइन मेडोना और मेडोना ऑफ़ दी चेयर भी इसी काल के चित्रकला का बेहतरीन उदहारण हैं.

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