शुंग वंश की स्थापना कब और किसने की?

शुंग वंश की स्थापना

शुंग वंश का स्थापना पुष्यमित्र शुंग ने की थी. वह अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ का सेनापति था. उसने 184 ई. पू. में सम्राट बृहद्रथ की हत्या करके सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया था. इसी के साथ शुंग वंश की शुरुआत हुई. इन घटनाओं की पुष्टि पुराणों और हर्षचरित से होती है. हर्षचरित के अनुसार अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ अत्यंत दुर्बल शासक था. वह शत्रुओं से अपने साम्राज्य की सुरक्षा करने में नाकाम सिद्ध हो रहे थे. इसी दौरान यूनानी आक्रमणकारी अन्य राज्यों को जीतते हुए पाटलिपुत्र की सीमा तक पहुंच गए थे. सम्राट बृहद्रथ इन विदेशी आक्रमणकारियों से अपने साम्राज्य की सुरक्षा करने में असमर्थ थे. इस कारण जनता में भय का माहौल बन गया था. इतिहासकारों के अनुसार ऐसी स्थिति में पुष्यमित्र शुंग ने अपने साम्राज्य की रक्षा करने के लिए सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर शासन अपने हाथों में ले लिया. कई इतिहासकार बृहद्रथ की हत्या के लिए पुष्यमित्र शुंग को दोषी नहीं मानते हैं क्योंकि उसने अपने साम्राज्य की सुरक्षा के लिए ये निर्णय लिया. उसने लगभग 60 वर्षों तक शासन किया.

शुंग वंश की स्थापना

शुंग काल के विषय में बहुत से स्रोतों से जानकारी मिलती है. कालिदास के द्वारा रचित मालविकाग्निमित्र नाटक से भी शुंगों के बारे में जानकारी मिलती है. इस नाटक में पुष्यमित्र शुंग का यवनों से युद्ध तथा अग्निमित्र का विदर्भ के राजा यज्ञसेन से हुए युद्धों के वर्णन की जानकारियां मिलती है. बाणभट्ट के हर्षचरित और पतंजलि के महाभाष्य में भी शुंग राजाओं का वर्णन मिलता है. बौद्ध ग्रंथ दिव्यवादन और तिब्बती इतिहासकार तारानाथ के वर्णन से भी शुंगों के बारे में जानकारी मिलती है.
 

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