सूफीवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन करें

सूफीवाद

सूफीवाद एक प्रगाढ़ भक्ति का धर्म है, इसका भाव प्रेम है, कविता, संगीत तथा नृत्य इसके आराधना के साधन हैं तथा परमात्मा के भक्ति में लीन हो जाना इसका आदर्श है. कुछ विद्वानों का मानना है कि सूफी मत का मूल स्रोत कुरान तथा पैगम्बर मोहम्मद की जीवनी है, वहीं कुछ का मानना है कि सूफ़ी मत के आविर्भाव में इस्लाम, ईसाई, बौद्ध, जैन, वेदांत, हिंदू तथा अन्य धर्मों का योगदान है. सूफी शब्द की उत्पत्ति के विषय में इतिहासकारों में मतभेद है. अबु सर अल राज के अनुसार सूफी शब्द अरबी के सूफ से निकला है जिसका अर्थ है ऊन. अरब देश में पैगंबर मोहम्मद तथा अन्य संत ऊन से बने वस्त्र धारण करते थे. ऊन धारण करने वाले ऐसे संतो को सूफी कहा जाता था. कुछ विद्वान मानते हैं कि सफा से सूफी शब्द की उत्पत्ति हुई है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मदीना में मस्जिद के सामने रहने वाले ‘अल्ल-सुफ्फाह के सुफ्फाह’ से सूफी शब्द की उत्पत्ति हुई है. 
सूफीवाद क्या है

सूफीवाद के सिद्धांत (Principles of Sufism)

सूफी मत का आविर्भाव 9वीं सदी में हुआ था. इसके साथ ही सूफीवाद के सिद्धांतों और नियमों का प्रतिपादन भी किया गया था. सूफी साधकों ने परमात्मा, आत्मा तथा सृष्टि आदि की विवेचना की.

1. सूफीवाद के सिद्धांत के अनुसार परमात्मा एक है. उनका मानना है कि परमात्मा अद्वितीय है, अगोचर है, अपरिमित है और नानात्व से परे है, वही परम सत्य है. वह परम कल्याण है और परम सुंदर है. वह वास्तविक है और एकमात्र सत्ता परमात्मा है.

2. सूफियों के अनुसार आत्मा ईश्वर का अंग है. वह सत्य प्रकाश का अभिन्न अंग है, परंतु मनुष्य के शरीर में उसका अस्तित्व खो जाता है. आत्मा में पांच बाह्य और पांच आंतरिक तत्व है, जिनका संबंध शाश्वत ज्योति से है. इस शरीर के पूर्व में जो आत्मा की सत्ता थी, वह शरीर में कैद है. इसलिए सूफी साधक मृत्यु का स्वागत करते हैं. सूफी साधकों की दृष्टि में आत्मा के दो गुण प्रधान होते हैं- नफ्स तथा रूह. नफ्स सभी अवगुणों, गर्त, अज्ञानता, क्रोध, काम, मद का स्रोत है. रूह, ईश्वर का निवास स्थान है. इन दोनों में सदैव संघर्ष होता है.

3. सूफी साधकों के अनुसार जब परमात्मा ने हकीकतुल मुहम्मदिया पर दृष्टि की तब जगत, सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि तथा तारे गण के रूप में उत्पन्न हुई. नरुल मोहम्मदिया पर दृष्टि डालने से अग्नि, हवा, जल और पृथ्वी का निर्माण हुआ.

सूफीवाद क्या है

4. सूफी साधकों के अनुसार मनुष्य परमात्मा के सभी गुणों को अभिव्यक्ति करता है. इस प्रकार मनुष्य उन सभी गुणों को जो ब्रह्मांड में अभिव्यक्त हो रहे हैं, अपने में ग्रहण करता है. पूर्ण मानव वही है जो परमात्मा के साथ एकत्व की पूर्ण अनुभूति प्राप्त कर चुका है. आदम से लेकर मोहम्मद तक के सभी पैगंबर, औलिया तथा संत पूर्ण मानव कोटि में हैं.

5. सूफी साधकों ने पूर्ण मानव को अपना गुरु माना. उनके अनुसार बिना आध्यात्मिक गुरु के कभी कुछ प्राप्त नहीं कर सकते. डॉ. ताराचंद के अनुसार आध्यात्मिक गुरु पीर अथवा शेख पर ही सारा सूफी सिद्धांत आधारित है. पैगंबर मोहम्मद ने अल्लाह के समक्ष आत्मसमर्पण करने की शिक्षा दी लेकिन सूफीवाद ने मुर्शीद अथवा अध्यात्मिक गुरु के समक्ष आत्मसमर्पण पर विशेष बल दिया.

6. इनके अनुसार प्रेम परमात्मा को प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ साधन है. सूफियों  ने भी इसी से परमात्मा को प्राप्त करने की आशा की. 

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