स्टालिन की गृहनीति की विवेचना करें

स्टालिन की गृहनीति की विवेचना (Analysis of Stalin’s Domestic Policy)

1929 ई. में जब स्टालिन रूस के शासक बना तो उसके सामने कई चुनौतियां थी. वह रूस को उन्नत देखना चाहता था. 1921 ई. में उसने अपने विचार व्यक्त व्यक्त करते हुए कहा था कि हमारा देश उन्नत देशों की तुलना में 100 वर्ष पीछे है. हमें इस खाई को हर हाल में 10 वर्षो के अंदर भरना है, वरना उन्नत देश हमें कुचल देंगे. इसके बाद स्टालिन ने अपने देश को उन्नत बनाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए.

स्टालिन की गृहनीति

स्टालिन का गृह नीति

1. आर्थिक सुधार

स्टालिन के सामने रूस की सबसे बड़ी समस्या उसकी आर्थिक समस्या थी. उसने पाया कि रूस की आर्थिक विकास के लिए योजनाबद्ध नीतियों का होना आवश्यक है. अत: उसने 1925 ई. में योजना आयोग नियुक्त की. इस योजना आयोग के द्वारा पंचवर्षीय योजना को प्रारंभ किया गया. यह पंचवर्षीय योजना 1929 ई. में लागू की गई. यह एक विषद एवं विवरणपूर्ण योजना थी. इस को एक विशेष मंडल ने सावधानी पूर्वक तैयार किया गया था और ठोस आर्थिक विकास कार्य के लिए अपनाए गए थे. इस पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कृषि व उद्योग दोनों के लिए ही विकास की योजना बनाए गए थे. इस योजना के द्वारा नवीन व्यापारिक विधियों का निर्माण उत्पादक कारखानों की स्थापना, कृषि संबंधित उपकरण के कारखानों की स्थापना, इस्पात कारखानों की स्थापना, रेल मार्ग का निर्माण किया जाना था. इन उपायों के द्वारा देश के उद्योग की स्थिति को सुधारने का प्रयास किया गया था. इसके साथ ही कृषि के विकास के लिए सामूहिक खेती खेती राज के फार्म की संख्या में वृद्धि करना तथा उसके सामाजिक समाजीकरण करना निश्चित किया गया था. रूस में द्वितीय पंचवर्षीय योजना 1934 ई. में लागू किया गया. इस योजना को पहली पंचवर्षीय योजना से भी अधिक कुशलता से तैयार किया गया था. इसमें श्रम की उत्पादकता में वृद्धि और उत्पादन में कमी की ओर विशेष ध्यान दिया था. उस समय हिटलर का भय यूरोप में बढ़ता जा रहा था. इसीलिए उन्होंने युद्ध सामग्री के उत्पादन की ओर विशेष ध्यान दिया. इस कारण द्वितीय विश्वयुद्ध के समय रूस को बहुत लाभ हुआ. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय रूस के पास अधिकांश युद्ध सामग्री स्वदेशी थी. रूस के आर्थिक विकास में स्टालिन के द्वारा लागू की गई पंचवर्षीय योजनाओं से रूस की आर्थिक स्थिति में अद्भुत सुधार हुआ. इस दौरान रूस में आने का उद्योगी कारखाने, जल विद्युत कारखाने बांध मजदूरों के लिए मकान, कृषि संबंधित कारखाने आदि बनाएं. इसकी वजह से रूस अब उन्नत देशों की बराबरी करने लगा था. इस योजनाओं के कारण रूस और यूरोप के प्रमुख देशों में से एक बन गया था.

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2. सांस्कृतिक उन्नति

स्टालिन ने रूस को सांस्कृतिक क्षेत्र में भी उन्नत करने का प्रयत्न किया. इस समय रूस में अशिक्षितों की संख्या बहुत अधिक थी. इसी कारण से रूसी सरकार ने उनकी शिक्षा की ओर काफी ध्यान दिया. रूसी सरकार 3 से 16 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य कर दिया. इसके साथ ही तकनीकी शिक्षा पर भी जोर दिया गया. उच्च स्तरीय शोध कार्यों के लिए प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया. जिसकी वजह से शिक्षित लोगों की संख्या में असाधारण गति से वृद्धि हुई. इसके साथ ही स्त्रियों के ऊपर लगे हुए प्रतिबंधों को खत्म कर दिया गया. कई जगह पर स्त्रियों और पुरुषों को समान अधिकार प्रदान किए गए. वेश्यावृत्ति को भी समाप्त करने के लिए सरकार ने कदम उठाए. रूसी सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं को भी काफी प्रोत्साहित किया. भाषा के आधार पर प्रांतों का पुनर्गठन किया गया. अनेक रूसी भाषाओं को लिपिबद्ध किया गया और प्रांतीय भाषाओं में शिक्षा व कामकाज करने की अनुमति दी गई. रूसी सरकार द्वारा मनोरंजन के साधनों का विकास किया गया. बच्चों और बड़ों के लिए क्रीड़ागृह का निर्माण किया गया. इसके साथ ही नृत्यशाला और थियेटरों को भी बनाया गया.

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3. विरोधियों का दमन

इस समय रूस में बोल्शेविक क्रांति के अनेक विरोधी विद्यमान थे. स्टालिन ने बोल्शेविक क्रांति को स्थिरता प्रदान करने के लिए इन विद्रोहियों का दमन करना आवश्यक समझा. उसने ढूंढ-ढूंढ कर विद्रोहियों को दंडित करना आरंभ कर दिया और कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस प्रकार स्टालिन अपनी सरकार की स्थिति को और सुदृढ़ बनाए और उसने रूस में शांति की स्थापना की.

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4. नई संविधान को लागू करना

रूस में 1917 ई. में हुई क्रांति के पश्चात एक नए संविधान का निर्माण किया गया था, लेकिन इस संविधान से समाजवादी व्यवस्था पूरी तरह स्थापित नहीं हो सकी. अतः स्टालिन ने रूस में पूर्ण रूस से समाजवादी व्यवस्था लागू करने के लिए नवीन परिस्थितियों के अनुरूप नई संविधान की आवश्यकता का अनुभव किया. अत: 1936 ई. में रूस में एक नई संविधान की रचना की गई. इसे स्टालिन संविधान कहा जाता है. इस संविधान के द्वारा रूस में संघ राज्य की स्थापना की गई. इस नवीन संविधान के द्वारा बने देश को समाजवादी गणराज्य कहा गया. इस संघ में 11 गणराज्य थे. इस संविधान द्वारा सर्वोच्च शक्ति सुप्रीम काउंसिल में निहित थी. सुप्रीम काउंसिल के एक कार्यकारिणी को प्रेसिडियम कहा गया. सुप्रीम काउंसिल के अन्य समिति को लोक प्रबंधक परिषद कहा गया. संसद में दो सदन थे- संघीय परिषद और राष्ट्रीयताओं की परिषद. संघीय परिषद जनता के प्रतिनिधियों की संस्था थी. जबकि राष्ट्रीयताओं की परिषद जातियों, राज्यों व राष्ट्रीयों की प्रतिनिधि होते थे. दोनों परिषदों के कार्यकाल 4 वर्ष का था.

स्टालिन की गृहनीति

संघीय परिषद व राष्ट्रीयताओं की परिषद को संयुक्त रूप से सुप्रीम काउंसिल कहते थे. शासन की सत्ता मंत्रिमंडल में निहित थी. प्रत्येक मंत्री अपने विभाग के लिए संसद के प्रति उत्तरदाई था. जिस समय संसद का अधिवेशन ना चल रहा हो, तब मंत्री प्रेसीडियम के प्रति उत्तरदाई होते थे. इस संविधान के द्वारा रूस में विभिन्न स्तर के न्यायालय की स्थापना की गई. सर्वोच्च न्यायालय, संघीय न्यायालय, तत्पश्चात गणराज्य के सर्वोच्च न्यायालय, क्षेत्रीय न्यायालय, लोक न्यायालय तथा विशेष न्यायालय थे. १९३६ ई. के संविधान के द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की घोषणा की गई. इसके अंदर के अंतर्गत काम का अधिकार, निशुल्क चिकित्सा का अधिकार, वृद्धावस्था में आर्थिक सहायता, निशुल्क शिक्षा आदि थे. प्रत्येक व्यक्ति को सीमित संपत्ति रखने का अधिकार था तथा श्रम शोषण किए जाने का घोर विरोध किया गया.

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