स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों का वर्णन करें

स्पेन के गृह युद्ध (Spanish Civil War)

स्पेन का गृह युद्ध 1936 ई. से 1939 ई. तक चला. यह युद्ध स्पेन के रिपब्लिकनों और राष्ट्रवादियों (विद्रोही) के बीच हुआ. इसे लोकतन्त्र तथा फासीवाद के बीच युद्ध भी कहा जाता है. अनेक इतिहासकारों का मानना है कि यह युद्ध वामपंथी क्रांतिकारियों एवं दक्षिणपन्थी प्रतिक्रान्तिकारियों के बीच लड़ा गया था. इस युद्ध के अंत में राष्ट्रवादियों (विद्रोहियों) की विजय हुई और उसके पश्चात तानाशाही शासक फ्रैकों अगले 36 वर्षों तक स्पेन का शासक बना रहा.

स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों

स्पेन के गृह युद्ध के कारण (Causes of the Spanish Civil War)

1. तानाशाही शासन

स्पेन की जनता ने 1920 ई. के दशक का अधिकांश समय मिगुएल प्रिमो डी रिवेरा की तानाशाही शासन में बिताया. तानाशाही सरकार के अत्याचारों से आम जनता त्रस्त हो चुकी थी. तानाशाही शासन के कारण स्पेन में जनता की स्थिति बद से बदतर होते जा रही थी. जनता को आजादी से अपने जीवन बिताना काफी मुश्किल होती जा रही थी. अभियक्ति की आजादी लगभग ख़त्म हो चुकी थी. अतः स्पेन की जनता बदलाव के लिए आवाज उठानी शुरु कर दी.

2. आर्थिक महामंदी

1920 ई. के दशक में दौरान हुए महामंदी के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को स्पेन की जनता ने झेला. इस के कारण दयनीय आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुंच गई. रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल की जानेवाली वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगी. इस कारण स्पेनिश जनता के बीच असंतोष पनपने लगा और आजादी प्राप्त करने के लिए उनके बीच में ध्रुवीकरण होना शुरू हो गया.

3. श्रमिकों में भारी असंतोष

1930 ई. के दशक की शुरुआत में भी स्पेन के श्रमिकों में शासन के खिलाफ भारी असंतोष पनपना शुरू हुआ. रोजगार ख़त्म होने के कारन इस समय श्रमिकों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रही थी. इसके उनके आर्थिक हालत भी दयनीय होती जा रही थी. इस कारण श्रमिकों ने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हड़ताल और आंदोलन करना शुरू कर दिए. इससे देश में अस्थिरता का महौल बनने लगा और जनता के मन में देश में बहुत बड़ी बदलाव की इच्छा बढ़ती जा रही थी. 

स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों

4. राजनीतिक अस्थिरता

इसी बीच 16 फरवरी, 1936 ई. के चुनाव में स्पेन की जनता ने बहुमत से रिपब्लिकनों की सरकार को चुना और तानाशाही शासन को उखड फेंका. सैन्य तानाशाहों को उनकी यह जीत गंवारा नहीं हुआ. अत: तानाशाही जनरल एमिलियो मोला और फ्रांसिस्को फ्रेंको ने देश के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित इस सरकार को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से विद्रोह करना शुरू कर दिया. उस समय सरकार रिपब्लिकन का गठबंधन थी. इन्हें केंद्र-वाम राष्ट्रपति मैनुअल अज़ाना के नेतृत्व में कम्युनिस्ट और समाजवादी पार्टियों द्वारा कोर्टेस में समर्थन प्राप्त था. राष्ट्रवादी (विद्रोही) समूह को कई रूढ़िवादी समूहों का समर्थन प्राप्त था. इनमें सीईडीए, राजशाहीवादी, विरोधी अल्फोंसिस्ट और धार्मिक रूढ़िवादी कार्लिस्ट और एक फासीवादी राजनीतिक दल फालेंज एस्पनोला डी लास जॉन्स आदि शामिल थे. संजुर्जो, एमिलियो मोला और मैनुअल गोडेड लोपिस की मृत्यु के बाद, फ्रेंको राष्ट्रवादी पक्ष के शेष नेता के रूप में उभरे.

5. सामाजिक असमानता

इस समय स्पेन के समाज के लोगों में आर्थिक रूप से भारी असमानता थी. एक ओर उच्च वर्ग के लोगों की स्थिति अच्छी थी, वहीं निम्न तथा मजदूर वर्ग की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही थी. निम्न वर्ग के लोगों को उच्च वर्ग के लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर शोषित किया जा रहा था. इस कारण निम्न वर्ग के लोगों की शारीरिक और मानसिक स्थिति लगातार ख़राब होती जा रही थी. इससे समाज में असंतोष की भावना बढ़ती जा रही थी और समाज के लोगों इन दोनों वर्गों के बीच एक गहरी खाई बनती जा रही थी. 

स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों

स्पेन के गृह युद्ध की शुरुआत 

जुलाई 1936 ई. को जनरलों के एक समूह ने रिपब्लिकन सरकार के खिलाफ तख्तापलट की विद्रोह की शुरुआत की. इस विद्रोह में जनरल एमिलियो मोला प्राथमिक योजनाकार और नेता थे और जनरल जोस संजुर्जो एक प्रमुख के रूप में थे. विद्रोह के शुरुआत में उनको आंशिक विफलता मिली. इसके बाद विद्रोही दक्षिण और पश्चिम में अपने गढ़ों से आगे बढ़े और उन्होंने 1937 ई. में स्पेन के अधिकांश उत्तरी समुद्र तट पर कब्ज़ा कर लिया.  उन्होंने मैड्रिड और इसके दक्षिण और पश्चिम के क्षेत्र को भी घेर लिया. 1938 ई. और 1939 ई. में कैटेलोनिया के अधिकांश हिस्से पर विद्रोहियों का कब्ज़ा हो जाने और मैड्रिड का बार्सिलोना से कट जाने के बाद, रिपब्लिकनों की सैन्य स्थिति निराशाजनक हो गई. जनवरी 1939 ई. में बार्सिलोना के पतन के बाद, फ्रेंकोवादी शासन को फरवरी 1939 ई. में फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम द्वारा मान्यता दी गई थी. 5 मार्च 1939 ई. को रिपब्लिकन सरकार के कथित तौर पर बढ़ते कम्युनिस्ट प्रभुत्व और बिगड़ती सैन्य स्थिति के कारण कर्नल सेगिस्मंडो कैसादो ने विद्रोहियों के साथ शांति स्थापित करने के इरादे से रिपब्लिकन सरकार के खिलाफ सैन्य तख्तापलट का नेतृत्व किया. हालाँकि इन शांति प्रस्तावों को फ्रेंको ने अस्वीकार कर दिया था. उसी महीने मैड्रिड में रिपब्लिकन गुटों के बीच आंतरिक संघर्ष के बाद फ्रेंको ने राजधानी में प्रवेश किया और 1 अप्रैल 1939 ई. को जीत की घोषणा की. विद्रोहियों की जीत के बाद सैकड़ों हजारों स्पेनवासी दक्षिणी फ्रांस के शरणार्थी शिविरों में भाग गए. हारने वाले रिपब्लिकन से जुड़े जो लोग बचे थे, उन्हें विजयी राष्ट्रवादियों द्वारा कठोर दंड गया. इसके बाद फ्रेंको ने एक तानाशाही शासन की स्थापना की और सभी दक्षिणपंथी पार्टियाँ फ्रेंको शासन की संरचना में शामिल हो गईं.

स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों

इस तख्तापलट को मोरक्को, पैम्प्लोना, बर्गोस, ज़रागोज़ा, वलाडोलिड, कैडिज़, कॉर्डोबा और सेविले में सैन्य इकाइयों द्वारा समर्थन दिया गया था. हालाँकि, मैड्रिड, बार्सिलोना, वालेंसिया, बिलबाओ और मलागा जैसे लगभग सभी महत्वपूर्ण शहरों में विद्रोही इकाइयों का नियंत्रण नहीं हुआ और वे शहर सरकार के नियंत्रण में रहे. इससे स्पेन सैन्य और राजनीतिक रूप से विभाजित हो गया. राष्ट्रवादियों और रिपब्लिकन सरकार ने देश पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी थी. राष्ट्रवादी (विद्रोही) ताकतों को फासीवादी इटली, नाज़ी जर्मनी और पुर्तगाल से युद्ध सामग्री, सैनिक और हवाई समर्थन प्राप्त हुआ, जबकि रिपब्लिकन पक्ष को सोवियत संघ और मैक्सिको से समर्थन प्राप्त हुआ. यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों ने रिपब्लिकन सरकार को मान्यता देना जारी रखा लेकिन उन्होंने गैर-हस्तक्षेप की नीति का पालन किया. इस नीति के बावजूद, गैर-हस्तक्षेपवादी देशों के हजारों नागरिकों ने सीधे तौर पर इस संघर्ष में भाग लिया. वे ज्यादातर रिपब्लिकन समर्थक अंतर्राष्ट्रीय ब्रिगेड में लड़े, जिसमें राष्ट्रवाद समर्थक शासन से कई हजार निर्वासित लोग भी शामिल थे.

स्पेन के गृह युद्ध के कारण और परिणामों

परिणाम

स्पेन के गृह युद्ध के परिणामस्वरूप अत्याधिक जानमाल की हानि हुई. बड़ी संख्या में लोगों पर जुल्म ढाया गया. गृहयुद्ध के कारण समाज और अर्थव्यवस्था में व्यवधान आया. सांस्कृतिक मामलों में विकृति और दमन हुआ और देश के राजनीतिक विकास में रुकावट आई. यह गृह युद्ध दुनिया भर में फैले जुनून और राजनीतिक विभाजन और कई अत्याचारों के लिए उल्लेखनीय बन गया. फ्रेंको की सेनाओं द्वारा कब्ज़ा किए गए क्षेत्रों में संगठित शुद्धिकरण हुआ ताकि वे अपने भविष्य के शासन को मजबूत कर सकें. रिपब्लिकन द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में भी छोटे और बड़े पैमाने पर विरोधियों को फांँसी दी गई. उस समय के अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक माहौल के कारण, युद्ध के कई पहलू थे और इसे वर्ग संघर्ष, धार्मिक संघर्ष, तानाशाही और गणतंत्रीय लोकतंत्र के बीच, क्रांति और प्रतिक्रांति के बीच, और फासीवाद और साम्यवाद के बीच संघर्ष के रूप में देखा गया था. युद्ध के दौरान स्पेन में अमेरिकी राजदूत क्लॉड बोवर्स के अनुसार, यह द्वितीय विश्व युद्ध के लिए “ड्रेस रिहर्सल” था. राष्ट्रवादियों ने युद्ध जीता, जो 1939 ई. की शुरुआत में समाप्त हुआ और नवंबर 1975 ई. में फ्रेंको की मृत्यु तक स्पेन पर शासन किया.

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