हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए

हड़प्पा सभ्यता के पतन 

भारत के प्राचीन हड़प्पा सभ्यता का पतन कब और कैसे हुआ, इसके निश्चित कारणों की जानकारी किसी भी इतिहासकार के पास नहीं है. सभी इतिहासकार इस सभ्यता के अंत के विषय में अपने-अपने अनुमान के आधार पर कारण बताते हैं. विभिन्न इतिहासकारों ने हड़प्पा सभ्यता के पतन के बहुत से अलग-अलग संभावित कारण बताई है.

हड़प्पा सभ्यता के विनाश

हड़प्पा सभ्यता के पतन के विभिन्न संभावित कारण

1. जल प्लावन

एक प्रसिद्ध भूगर्भ शास्त्री साहनी के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता का पतन संभवत: भीषण बाढ़ के प्रकोप के कारण हुआ था. उन्होंने आशंका जताई कि उस समय संभवत: सिंधु और रावी नदी में भीषण बाढ़ आई होगी और इस वजह से इन नदियों के प्रवाह की दिशा बदल गई. इस के परिणामस्वरूप सिंधु घाटी सभ्यता के आधुनिक नगर पूरी तरह जलमग्न हो गए थे और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का विनाश हो गया.

2. भूकंप

कुछ इतिहासकार प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के विनाश का कारण भूकंप को मानते है इन इतिहासकारों का मानना है कि संभवत: इस समय सिंधु घाटी सभ्यता के क्षेत्र में एक शक्तिशाली भूकंप आई होगी और इस भूकंप के चपेट में आकर सैकड़ों लोगों की जानें गई होगी. इसकी वजह से इस सभ्यता का विनाश हुआ होगा.

हड़प्पा सभ्यता के विनाश

3. महामारी

कुछ इतिहासकारों ने आशंका जताई है कि संभवत: इस समय सिंधु घाटी सभ्यता में कोई महामारी फैली होगी. उस समय इस महामारी का कोई इलाज न होने के कारण इसके चपेट में आकर सैकड़ों की संख्या में लोगों की जान चली गई होगी. इसी की वजह से महान सिंधु घाटी सभ्यता का अंत हुआ होगा. 

4. जलवायु परिवर्तन

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता वासियों के द्वारा पेड़ों की अत्यधिक कटाई किए जाने के कारण यहां की जलवायु में अचानक भारी परिवर्तन हुआ होगा जिसके कारण यहां बारिश होना कम हो गया होगा और यहां की भूमि की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे खत्म हो गई. इस कारण यहाँ के निवासियों को सिंधु घाटी से दूरस्थ स्थानों की ओर पलायन करना पड़ गया. इससे सिंधु घाटी सभ्यता का हमेशा के लिए पतन हो गया.

हड़प्पा सभ्यता के विनाश

5. राजनीतिक एवं आर्थिक विघटन 

कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता में आखिरी दिनों में कुशल नेतृत्व की कमी हो गई थी. इस वजह से इस दौरान विदेशों से व्यापार भी अत्यंत कम हो गया था. इस वजह से सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों पर आर्थिक संकट आ गया था. विदेशों से व्यापार का कम होने की बात सिंधु घाटी सभ्यता तथा मेसोपोटामिया सभ्यता से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर पता चलता है. संभवत: सिंधु घाटी सभ्यता के विनाश के अन्य कारण तत्कालीन राजनीतिक एवं आर्थिक विघटन भी था.

6. बाहरी आक्रमण

कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता के अंत का कारण बाहरी आक्रमण था. इस बात पर कोई संदेह नहीं कि सिंधु घाटी सभ्यता आर्थिक तथा अन्य रूप से पूरी तरह संपन्न थी. ऐसे संपन्न नगरों में विदेशी आक्रमण होने की संभावना से कभी इंकार नहीं किया जा सकता है. सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों में किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों का न मिलना इस बात की ओर इशारा करती है कि वे युद्ध कला में निपुण नहीं थे. संभवतः इसीलिए वे विदेशी आक्रमण का मुकाबला नहीं कर सके. कुछ इतिहासकार यहां तक मानते हैं कि यह आक्रमण आर्यों के द्वारा हुआ था.

हड़प्पा सभ्यता के विनाश

भले ही इतिहासकार अपने-अपने तर्क और शोध के आधार पर सिंधु घाटी सभ्यता के विनाश का कारण बता रहे हो लेकिन इतना तो तय है यहाँ के निवासियों के साथ कुछ बहुत बड़ी अप्रिय घटना घटी ही होगी. वरना इतने संपन्न सभ्यता का विनाश इतनी आसानी से कैसे हो पाती! हालांकि वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों के द्वारा आज भी इस रहस्य से पर्दा हटाने की कोशिश की जा रही है. अब वक्त ही तय करेगी कि सिंधु घाटी सभ्यता का अंत एक पहेली बन कर रह जाएगी या फिर इन विनाश के कारणों का पता लगा लिया जाएगा.

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