नवपाषाण काल मानव विकास कालक्रम की एक महत्वपूर्ण अवधि है. इस काल के दौरान मानव जीवन में बहुत से महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी बदलाव हुए. इसी काल में कृषि कार्य तथा पशुपालन आरंभ हुए थे. इसके अलावा बदलते हुए आवश्यकताओं के अनुसार नए-नए उपकरण का आविष्कार हुआ. इस काल में मृत्युभांड कला का विकास हुआ. चाक के आविष्कार ने तात्कालीन औद्योगिक जगत के लिए एक क्रांतिकारी आविष्कार के रूप में जाना जाता है. कृषि और पशुपालन आरंभ हो जाने के कारण इस काल में लोगों के जीवन में स्थायित्वता आने लगी. कृषि के परिणामस्वरूप सुनिश्चित खाद्यान्न व्यवस्था बढ़ी. इसके वजह से जनसंख्या भी तेजी से बढ़ने लगी. इस काल में वसूली, छैनी, रुकनी, हथौड़े कुल्हाड़ी जैसा बहुत से उपकरणों का आविष्कार हुआ. इस काल में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले उपकरण कुल्हाड़ी था. इस काम में प्राकृतिक आपदा तथा अन्य मानव समूह के आक्रमण के अतिरिक्त अन्य बातों की दृष्टिकोण से मानव जीवन अन्य कालों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित हो गया था.
खोजों और शोधों के नवपाषाण काल के विषय में और भी बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई. विशेषज्ञों के अनुसार इस काल में मनुष्यों ने लगभग हर क्षेत्र में उन्नति की. इतिहासकारों ने शोध के अनुसार नवपाषाणिक शब्द का अर्थ-पाषाणकालीन आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
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