पुनर्जागरण से आप क्या समझते है? इसकी प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालें

पुनर्जागरण क्या है?

पुनर्जागरण का तात्पर्य है, पुराने विचारधाराओं को त्याग कर नवीन विचारधाराओं को अपनाना. बदलते परिस्थितिओं के कारण युरोप में अचानक नवीन विचारधाओं का जन्म होने लगा. अंधविश्वास को छोड़कर स्वतंत्रता की की भवाना, आर्थिक उन्नति, व्यक्तिवाद, राष्ट्रवाद जैसी भावनाएं जन्म लेने लगे. लोग पुरानी कुप्रथाओं को उखाड़ फेकने लगे. इसके परिणामस्वरूप यूरोप में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ. यूरोप में हुई इन्हीं बदली विचारधाराओं को एक शब्द में पुनर्जागरण कहा जाता है. 

पुनर्जागरण से आप क्या समझते है?

पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएं

1. मानववाद

मानवतावाद से तात्पर्य उन्नत ज्ञान से है. मानवतावाद के कारण ही यूरोप में नई जागृति उत्पन्न हुई. मानवतावाद से निकले विचारधाराओं ने पुरानी अंधविश्वास से भरी विचारधाराओं को उखाड़ फेंका और नवीन विचारधाराओं को जनता तक पहुंचाया. इसके बाद मानवतावादियों ने तत्कालीन व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने अवैज्ञानिक  धार्मिक विश्वासों के स्थान पर विज्ञान, इतिहास, भूगोल, दर्शनशास्त्र जैसे विषयों पर बल दिया. नारी सौंदर्य, दांपत्य जीवन, समाजिक समस्याओं  पर ध्यान देने पर बल दिया जाने लगा. पेट्रॉक को मानवतावाद का पिता कहा  जाता है. इसके अलावा माइकल एंजेलो,लियोनार्डो द विन्ची,दांते, अलबर्टी ल्यूका जैसे बहुत से मानवतावादी विचारधारा वाले लोग थे. इन सबके अथक प्रयास से पुराणी व्यवस्था की दीवारें हिलने लगी. इसके बाद अंतत: एक दिन पुरानी  विचारधारा ख़त्म होकर उसके स्थान पर नवीन विचारधारा ने जगह ले ली और पुरे यूरोप में एक महान बदलाव आ गया.

पुनर्जागरण से आप क्या समझते है?

2. कला

मध्य युग में यूरोप में कला का कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं था. इस समय की कला मुख्य रूप से इसाई धर्म से सम्बंधित हुआ करती थी. लेकिन पुनर्जागरण के बाद यूरोपिये कला के क्षेत्र में बहुत ही ऐतिहासिक बदलाव आया. विभिन्न विषयों में कला का विकास होने लगा. अलग अलग शैलियों में कला का विकास होने लगा. इन विभिन्न शैलियों में मुख्य रूप से स्थापत्य कला, मूर्तिकला, संगीत कला और चित्रकला थे. 

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3. साहित्य

पंद्रहवीं शताब्दी से पहले यूरोपीय देशों में यूनानी और लैटिन साहित्य का बोल-बाला था. इसकी वजह से लोक भाषाओँ के विकास में  बहुत बड़ी बाधा थी. उस समय इटली के विद्वान केवन यूनानी और लैटिन भाषा को श्रेष्ठ समझते थे. उनकी नजर में लोकभाषा का इस्तेमाल करना असभ्य और नीचता थी. यूनानी और लैटिन भाषा सामान्य जनमानस के लिए कठिन थी. पुनर्जागरण से लोकभाषाओं के इस्तेमाल को काफी बढ़ावा मिला.  बहुत से साहित्य लोकभाषाओं में अनुवाद तथा छापे जाने लगे. इससे जनमानस में साहित्य पढ़ने की रूचि बढ़ने लगी और लोकभाषाओं में लिखे साहित्यों की मांग बढ़ने लगी. इस दौरान मार्टिन लूथर ने बाइबल का अनुवाद जर्मन भाषा में किया. लोकभाषाओं में छपे साहित्यों ने जनमानस की बौद्धिक शक्ति को बढ़ाया तथा वे अंधविश्वास से बहार निकलने लगे. साहित्य के क्षेत्र में जॉन काल्विन, शेक्सपियर,मिल्टन,मार्लो जैसे विद्वानों ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

पुनर्जागरण से आप क्या समझते है?

4. महान खोज एवं नाविक

यूरोप में पुनर्जागरण के समय सांस्कृतिक तथा धार्मिक जागृति के लिए समुद्री मार्ग के द्वारा यात्राएँ की गई. इस दौरान नाविकों के द्वारा नए स्थानों तथा नए जलमार्गों की खोज की गई.  इस दौरान यूरोप वासियों का परिचय नए देशों से हुआ. इसी दरम्यान वास्कोडिगामा ने भारत की और कोलम्बस से अमेरिका की खोज की.  मार्कोपोलो,हेनरी, डियाज मैग्लेन और सर फ्रांसिस ड्रेक जैसे महान नाविकों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करके यूरोप को नए देशों से परिचय कराया तथा  इन देशों से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित की. इस दौरान स्पेन, पुर्तगाल, इंग्लॅण्ड, इटली, फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में व्यापार के लिए समुद्री मार्ग खीजने के लिए प्रतिस्पर्धा होने लगी. इसी प्रतिस्पर्धा ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया. 

पुनर्जागरण से आप क्या समझते है?

 5. विज्ञान व आविष्कार 

मध्यकालीन यूरोप में पुनर्जागरण से पहले अन्धकार का युग  था. इस समय चर्च का प्रभाव छाया हुआ था. लोग अशिक्षित तथा अंधविश्वास से भरे हुए थे.   चर्च कभी नहीं चाहता था कि लोग उसके प्रभाव से बाहर निकले. ऐसे वक्त में जब पुनर्जागरण के बाद नवीन विचारधाराओं के जन्म हुआ तो लोगों के विचारों में बहुत सा बदलाव होने लगा. पुराणी मान्यताएं  टूटने लगी लगी और लोग विज्ञान का अध्ययन करने करने लगे. इसके बाद विज्ञान के अध्ययन के परिणामस्वरूप इतने आविष्कार हुए कि इस युग को लोग वैज्ञानिक क्रांति के युग के नाम से भी जानने लगे. इस समय छापेखाने, सूक्ष्मदर्शी, दूरबीन, घड़ी जैसे कई महत्वपूर्ण आविष्कार हुए. देकाते नामक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने ज्यामिति के प्रयोग करने के तरीके  की खोज की. इसी दौरान अन्य वैज्ञानिकों के द्वारा दशमलव, प्रतिशत, घन-समीकरण आदि नियमों की खोज की गई. इन खोजों से गणित को एक नई दिशा प्रदान की. इसी समय एंडियन बेसालिअस ने चिकित्सा विज्ञान की खोज की. उन्होंने  विभिन्न प्रकार के औषधियों की खोज की और मुनष्य के शरीर रचना नामक किताब लिखी. इसी खोज के कारण शरीर की जटिलताओं को समझा जा सका. 

इस प्रकार हम देखे हैं की पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप बहुत से क्रांतिकारी बदलाव हुए. इन बदलावों का असर न सिर्फ यूरोप तक सीमित रहा बल्कि पूरी दुनियाँ में बदलाव देखने को मिला. 

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इन्हें भी पढ़ें:

  1. इंग्लैंड में हुए औद्योगिक क्रांति के क्या परिणाम हुए?
  2. औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझते हैं?
  3. यूरोप में पुनर्जागरण के प्रभावों का वर्णन करें

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