हड़प्पा सभ्यता की कला का वर्णन कीजिए

हड़प्पा सभ्यता की कला

प्राचीन भारतीय इतिहास की दृष्टिकोण से हड़प्पा सभ्यता की कला का महत्व आज भी बहुत बड़ा महत्व है. इसके द्वारा प्राचीन भारतीय इतिहास पर व्यापक प्रकाश पड़ता है. सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) के अवशेषों की खुदाई के परिणामस्वरुप पुरातत्व विभाग को बहुत से टूटी-फूटी बर्तन, मुहरें, कलश, आभूषण, मूर्तियां, भवन के अवशेष आदि प्राप्त हुए हैं. इन सब पर उत्कीर्ण कलाकृतियों को देखकर यह स्पष्ट है कि सिंधु घाटी सभ्यता के निवासी विभिन्न प्रकार के कलाओं में पूरी तरह निपूर्ण थे. उनके कला सिंधु घाटी सभ्यता को अलग ही पहचान दिलाने में सफल हुए थे. उनकी कला आज भी इतिहासकारों के लिए एक शोध का विषय है.
हड़प्पा सभ्यता की कला
सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों के प्रमुख कलाएं

1. भवन निर्माण कला

सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों की खुदाई करने पर जो अवशेष प्राप्त हुए. उनका अध्ययन करने पर हमें पता चलता है कि वह भवन निर्माण कला में अत्यंत दक्ष  थे. प्रत्येक भवन सुनियोजित तरीके से बने हुए थे. उनके अवशेषों से ही उन मकानों की भव्यता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. इनकी बेहतरीन कारीगरी आज के वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का विषय है. नगरों की सफाई प्रबंध, सड़क और नालियों का निर्माण बहुत ही शानदार तरीके से किया गया था. विशेषज्ञों के अनुसार इन नगरों की भव्यता आज के आधुनिक नगरों  से भी बढ़कर थे.

हड़प्पा सभ्यता की कला

2. मूर्तिकला

सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई की परिणामस्वरूप बहुत से मूर्तियों के अवशेष प्राप्त हुए थे. ये मूर्तियां मुख्य रूप से धातु, पत्थर और मिट्टी के बने होते थे. इन मूर्तियों की भव्यता देखकर इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे मूर्तिकला में भी अत्यंत  दक्ष थे. 

3. धातु कला

हड़प्पा सभ्यता के निवासी विभिन्न प्रकार के धातुओं से भी परिचित थे. खुदाई के परिणामस्वरूप सोने, चांदी, तांबे आदि से बने आभूषण प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा धातु के बर्तनों पर नक्काशी भी करते थे. 

4. चित्रकला

सिंधु घाटी सभ्यता के निवासी चित्रकला में भी निपुण थे. उनके यहां प्राप्त बर्तनों के अवशेषों तथा मुहरों पर चित्र अंकित होते थे. इसके अलावा भवनों की दीवारों पर चित्रकारी करते थे. चित्र में रंग का भी प्रयोग करते हैं.

हड़प्पा सभ्यता की कला

5. संगीत एवं नृत्य कला

सिंधु घाटी सभ्यता के निवासी संगीत और नृत्य कला में भी निपुण थे. सिंधु घाटी सभ्यता के उत्खनन के बाद इस बात का प्रमाण मिला. उत्खनन में संगीत संबंधी अनेक उपकरण जैसे कि ढोल, तबला आदि के अवशेष प्राप्त हुए थे. उत्खनन में नृत्य की मुद्रा में एक महिला की मूर्ति का मिलना भी इस बात की ओर संकेत करती है कि वे नृत्य कला में भी  दक्ष थे.

6. ताम्रपत्र निर्माण कला

सिंधु घाटी सभ्यता के उत्खनन के परिणाम स्वरूप बहुत से ताम्रपत्रों के अवशेष प्राप्त हुए हैं. ये वर्गाकार होते थे. इनमें विभिन्न प्रकार के आकृति अंकित हुए हैं. इनमें पशुओं और इंसानी आकृति भी उत्तीर्ण हुए हैं. चित्र के दूसरी ओर लेख लिखे हुए होते थे.

हड़प्पा सभ्यता की कला

7. मुहर निर्माण कला

सिंधु घाटी सभ्यता के उत्खनन से लगभग 550 मुहरें प्राप्त हुई. ये मुहरें मिट्टी एवं पत्थरों से निर्मित है. मुहरों का आकार गोलाकार है. कुछ वर्गाकार भी मिली है. इन मुहरों पर लेख व पशु के चित्र अंकित है.

सिंधु घाटी सभ्यता में मिली लिपियाँ अभी भी विद्वानों के लिए एक पहेली बनी हुई. आज तक इसे पढ़ा नहीं जा सका है. कुछ विद्वानों का मानना है कि यह दाएं से बाएं लिखी गई है. इन सब बातों से स्पष्ट है कि सिंधु घाटी सभ्यता के निवासी विभिन्न प्रकार की कलाओं में भी निपुणता हासिल कर ली थी. इन बातों से यह  भी सिद्ध होता है कि प्राचीन भारतीय सभ्यता किसी भी सूरत में वर्तमान भारतीय सभ्यता से कम नहीं थे. बल्कि कई बातों में आज से श्रेष्ठ थे. 

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